वाराणसी: काशी की 20 लाख की आबादी के लिए जलापूर्ति करने वाला जलकल विभाग गंभीर संकट में है। शहर के विभिन्न इलाकों में पानी की भारी बर्बादी हो रही है और कई जगहों पर पानी की कमी से लोग जूझ रहे हैं। जलकल द्वारा प्रतिदिन 16 करोड़ लीटर पानी आपूर्ति किया जा रहा है, लेकिन इसमें से 20% पानी नालियों में बह जा रहा है। यह पानी चार लाख लोगों की जरूरतें पूरी कर सकता था।
गर्मी के चलते गंगा का जलस्तर 57.74 मीटर तक नीचे चला गया है, जिससे जलापूर्ति पर भी असर पड़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर हर दिन औसतन 4 सेंटीमीटर नीचे जा रहा है। इसका असर यह है कि कई इलाकों में पानी कम प्रेशर पर आ रहा है और कई जगहों पर पानी की सप्लाई बाधित हो रही है।
पानी की समस्या से जूझते इलाके:
- पांडेयपुर वार्ड: 15 दिन से पानी की कमी
- अर्दली बाजार, टकटकपुर, महावीर मंदिर चौराहा: पानी की कमी से लोग परेशान
- सामने घाट गांधीनगर, सुंदरपुर, लंका: लो प्रेशर की समस्या
- लल्लापुरा, औरंगाबाद, सिगरा, चेतगंज: पानी की कमी और शिकायतें
- हुकुलगंज, बघवानाला, नईबस्ती: मिनी ट्यूबवेल खराबी के बाद पेयजल संकट
जलकल सचिव ओपी सिंह ने कहा कि गर्मी में गंगा का जलस्तर नीचे जाने से जलापूर्ति में दिक्कत हो रही है। ट्यूबवेल से जलापूर्ति कराई जा रही है और समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
इसके अलावा, नल को खुला छोड़ देने, पीने के पानी से बागवानी, गाड़ियों की धुलाई और सड़कों में बेवजह पानी का छिड़काव करने से भी पानी की बर्बादी हो रही है। पेयजल पाइपों में लीकेज भी एक बड़ी समस्या है।
उपाय और भविष्य की चुनौतियां:
जलकल विभाग को न केवल जलापूर्ति की स्थिति को सुधारना होगा, बल्कि पानी की बर्बादी रोकने के उपाय भी करने होंगे। नागरिकों को भी जागरूक होना होगा और पानी का सही उपयोग करना सीखना होगा, ताकि आने वाले समय में इस संकट का सामना न करना पड़े।
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