इलाहाबाद में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत, उज्ज्वल रमण सिंह ने तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड!




कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह ने इलाहाबाद संसदीय सीट पर जीत दर्ज कर 40 साल का लंबा इंतजार खत्म कर दिया। इस सीट पर आखिरी बार 1984 में कांग्रेस के टिकट पर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने जीत हासिल की थी। मंगलवार को घोषित चुनावी नतीजों के अनुसार, उज्ज्वल रमण सिंह ने भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को 58,795 मतों से हराया। उज्ज्वल रमण को कुल 4,62,145 मत मिले, जबकि नीरज त्रिपाठी को 4,03,350 मत हासिल हुए।

कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक क्षण

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी ने बताया कि 1984 में अमिताभ बच्चन ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को हराया था। इसके बाद से इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी। इस सीट पर पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 1957 और 1962 में जीत दर्ज की थी। उनके निधन के बाद उनके बेटे हरिकिशन शास्त्री ने 1967 में चुनाव जीता।

सपा से कांग्रेस में शामिल होकर दर्ज की जीत

उज्ज्वल रमण सिंह, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रेवती रमण सिंह के पुत्र हैं। उन्होंने प्रयागराज जिले की करछना सीट से विधायक रह चुके हैं। इस चुनाव से पूर्व वह सपा में थे, लेकिन इलाहाबाद सीट ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा कांग्रेस को दिए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया।

भाजपा के प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के लिए निराशा

भाजपा ने इस चुनाव में केशरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी को टिकट दिया था। नीरज ने जोरदार चुनाव प्रचार किया, लेकिन वह जनता का विश्वास जीतने में असफल रहे। इलाहाबाद में कुल 18 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें ज्यादातर यमुनापार के ग्रामीण इलाकों से हैं।

फूलपुर में भाजपा की मुश्किल जीत

प्रयागराज जिले की फूलपुर सीट पर भाजपा के प्रवीण पटेल ने सपा के अमरनाथ सिंह मौर्य को कड़ी टक्कर देकर 4,332 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। पिछली बार की तुलना में जीत का अंतर काफी कम रहा। 2019 में भाजपा की केशरी देवी पटेल ने 1.70 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। फूलपुर सीट से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने भी चुनाव लड़ा था।

फूलपुर का इतिहास और वर्तमान

फूलपुर सीट का ऐतिहासिक महत्व रहा है। 2004 में माफिया अतीक अहमद यहां से सांसद बने थे। 2014 से यह सीट भाजपा के पास रही और 2014 में केशव प्रसाद मौर्य और 2019 में केशरी देवी पटेल यहां से सांसद चुनी गईं।

निष्कर्ष

इस बार का चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, खासकर इलाहाबाद में जहां 40 साल बाद पार्टी ने जीत का स्वाद चखा है। वहीं, फूलपुर में भाजपा ने अपनी पकड़ बनाए रखी है। यह चुनाव परिणाम प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकते हैं।

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