जगतगुरु रामभद्राचार्य हुए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित, गृह जनपद में खुशी की लहर




इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट

मछली शहर(जौनपुर)..... विश्व के विलक्षण प्रतिभा के धनी, विकलांग विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति,भारत सरकार द्वारा पदम विभूषित ,जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा साहित्य में दिए जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।जिसे सुनकर उनके गृह जनपद जौनपुर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।कुलाधिपति के निजी सचिव एस.पी.मिश्र ने बताया कि गुरुजी 250 से अधिक ग्रंथो का लेखन,प्रणयन कर चुके है।शिक्षा के क्षेत्र में जगद्गुरु शिक्षाविदों के लिए प्रेरणाश्रोत है।गुरुजी के त्रिनेत्र में शामिल आशीष तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की इस उपलब्धि से उनके द्वारा संचालित तुलसी पीठ सेवा न्यास सहित विभिन्न  प्रकल्पो के भक्तो के लिए अभूतपूर्व क्षण है।निश्चित ही गुरुजी की यह उपलब्धि सभी भक्ति के लिए प्रेरणा पुंज है। इससे पहले भी साहित्य की कई पुस्तकों पर अपना शोध कर चुके हैं। उन्होंने देश में ही नहीं विदेशों में भी अपने ज्ञान का लोहा मनवाया है।

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