इस साल क्यों बदल गया शीतलहर का मिजाज? कई राज्यों में पहली बार ऐसी ठंड



Cold Wave :उत्तर भारत कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। जनवरी की शुरुआत से ठंड में अचानक बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान सामान्य की तुलना में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की गई है
 
उत्तर भारत कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। जनवरी की शुरुआत से ठंड में अचानक बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान सामान्य की तुलना में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के डाटाबेस के विश्लेषण से जानने की कोशिश करेंगे कि क्या यह सर्दी वास्तव में सामान्य से अधिक ठंड महसूस करा रही है। क्या ठंड का यह अहसास पिछले साल की तुलना में ज्यादा है।

1.  1951 के बाद चौथी बार दिन में सबसे ज्यादा ठंड

भारत का औसत अधिकतम तापमान इस महीने आठ तारीख तक 22.67 डिग्री रहा। यह 1981-2010 के औसत से 1.45 डिग्री कम है और 1951 के बाद चौथा सबसे ठंडा जनवरी। इसी तरह, औसत न्यूनतम तापमान (9 जनवरी तक) सामान्य से 0.36 डिग्री कम और 1951 के बाद से 26वां सबसे ठंडा तापमान है। इससे स्पष्ट होता है कि यह जनवरी अब तक सामान्य से अधिक ठंडी रही है। दोपहर के समय भी असाधारण रूप से ठंड महसूस हुई है। रात के तापमान में दिन के मुकाबले औसतन बहुत बड़ा फर्क नहीं है।

2.  कई राज्यों में पहली बार ऐसी ठंड
 
जनवरी में उत्तर भारत के कई हिस्से पूरे देश की औसत से पहली बार सबसे अधिक ठंडे रहे। उदाहरण के लिए 1951 के बाद देश का औसत अधिकतम तापमान जनवरी में चौथी बार सबसे कम रहा। हालांकि, 1951 के बाद इस अवधि में बिहार, पंजाब, सिक्किम और उत्तर प्रदेश में अधिकतम तापमान में पहली बार इतनी गिरावट देखी गई। वहीं, हरियाणा में ऐसा दूसरी बार देखने को मिला। दूसरी ओर, दिल्ली में भी चौथी बार इतनी ठंड महसूस की गई, जबकि झारखंड, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भी पहली बार जनवरी में इतनी ठंड का अनुभव कर रहे हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तरपूर्वी राज्य (सिक्किम और मेघालय को छोड़कर) एकमात्र ऐसे राज्य हैं, जो सामान्य से अधिक गर्म जनवरी का अनुभव कर रहे हैं। वहीं, अधिकांश प्रायद्वीपीय राज्य सामान्य जनवरी की तुलना में थोड़ा गर्म अनुभव कर रहे हैं।

3.  बारिश की कमी से इस बार ठंड का मिजाज अलग

इस साल जनवरी में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक कम रहे। पिछले साल ऐसा नहीं था क्योंकि 2022 की जनवरी में बारिश के कारण ठंड महसूस हुई थी, जो इस साल लगभग हुई ही नहीं है। साल के पहले नौ दिनों में 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से सिर्फ 15 में ही बारिश हुई है। यहां तक कि आंध्र प्रदेश में भी इस अवधि में 85 फीसदी कम बारिश हुई है। देश में इस दौरान सबसे अधिक वर्षा आंध्र प्रदेश में ही दर्ज की जाती है। इसकी तुलना में, पिछले साल 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बारिश हुई थी, जिनमें से 12 में सामान्य से कई गुना अधिक बारिश हुई थी। बारिश की वजह से दिन में तापमान कम हो जाता है क्योंकि बादल सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की सतह पर आने से रोकते हैं।

4.  जनवरी की ठंड सर्दी के इस मौसम के चलन से अलग

 जनवरी के पहले सप्ताह के समाप्त होने के साथ सर्दी का यह मौसम (जो हर साल दिसंबर से फरवरी तक चलती है) लगभग (43 फीसदी) आधा खत्म हो चुका है। यदि जनवरी के पहले सप्ताह को छोड़ दिया जाए तो 2022-23 का सर्दी का यह मौसम असाधारण रूप से ठंडा नहीं रहा है। अधिकतम तापमान के हिसाब से 2022-23 की यह सर्दी 1-8 जनवरी की तुलना में 18वीं सबसे ठंडी है। ध्यान रहे कि 1-8 जनवरी को चौथा सबसे ठंडा बताया गया है। दूसरी ओर, देश का औसत न्यूनतम तापमान अब तक की सर्दियों के लिए 21वां सबसे गर्म है, जबकि 1-9 जनवरी की न्यूनतम अवधि में यह 26वां सबसे ठंडा तापमान है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर दिसंबर सामान्य से ज्यादा गर्म रहा।

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