दिल्ली-गुरुग्राम के बीच लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण पर तेजी से काम हो रहा है। अगले वर्ष अगस्त तक एक्सप्रेसवे को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। इससे पहले इस वर्ष दिसंबर तक हरियाणा की सीमा में 19 किलोमीटर हिस्सा खोल दिया जाएगा। पूरे एक्सप्रेसवे के खुल जाने पर दिल्ली-जयपुर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-8 पर 60 फीसदी तक वाहनों का दबाव कम होगा। इसके साथ ही जयपुर की तरफ जाने वाले लोगों का समय भी बचेगा।
एक्सप्रेसवे के तैयार होने से पश्चिमी दिल्ली के साथ इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, द्वारका सेक्टर-25 में बना इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भी सीधे तौर पर जुड़ जाएगा। एक तरह से यह एक्सप्रेसवे एनएच-8 के बाईपास के तौर पर काम करेगा, जो एनएच-9 पर शिव-मूर्ति से शुरू होकर खेरकी दौसा टोल प्लाजा पर जाकर पूरा होगा। यानी दिल्ली से जिन वाहनों को जयपुर जाना है वो गुरुग्राम के जाम में फंसने की बजाए एक्सप्रेसवे पकड़कर सीधे बाहर निकल सकेंगे।
एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा एलिवेटेड है या फिर टनल से गुजरता है। एक्सप्रेसवे के पहले चरण में 16 लेन की सड़क यातायात के लिए उपलब्ध होगी। इसमें आठ लेन की 3.6 किलोमीटर लंबी टनल (चार-चार एक तरफ) बनाई जा रही है। टनल के ऊपर छह लेन की मुख्य रोड के साथ ही दोनों तरफ एक-एक लेन की सर्विस रोड दी जाएगी। बाकी एक्सप्रेसवे के तीन चरणों में 14 लेन की सड़क यातायात के लिए उपलब्ध होगी। इनमें आठ लेन एलिवेटेड होंगी, जो एक्सप्रेसवे के लिए निर्धारित रहेंगी।


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