दोस्ती कर युवक को रेप में फंसाया, पुलिस ने ऐसे बचाया, युवती समेत तीन अधिवक्ताओं को भेजा जेल



आगरा में छलेसर (एत्मादपुर) के एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा लिखाया गया। पीड़िता और आरोपित के वकील आपस में मिल गए। पांच लाख रुपये युवक से वसूले गए। रकम का बंटवारा हुआ। पुलिस का दावा है कि मुकदमा फर्जी है। वसूली के लिए साजिश के तहत लिखाया था। पुलिस ने बुधवार को युवती और तीन अधिवक्ताओं को जेल भेज दिया। दो अधिवक्ता फरार हैं। इनमें एक महिला अधिवक्ता भी शामिल है।

एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि बहरामपुर, खंदौली निवासी अंजली ने एसएसपी ऑफिस में प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप लगाया कि छलेसर निवासी राहुल सिकरवार से पहचान थी। वह अपने जन्मदिन की पार्टी के बहाने उसे टीपी नगर स्थित एक होटल में ले गया। वहां उसे कोल्डड्रिंक पीने को दी। उसमें नशीली पदार्थ मिलाकर बेहोश कर दिया। उसके साथ दुराचार किया। अश्लील वीडियो बना ली। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे खामोश रहने के लिए कहा। उसने आरोपित की शिकायत उसके घरवालों से की।

घरवालों ने रास्ते में रोककर उसे जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता की तहरीर पर 24 जून को दुराचार, जहरखुरानी, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने की धारा के तहत मुकदमा लिखा गया। एएसपी सीओ हरीपर्वत सत्य नारायण के नेतृत्व में इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने छानबीन की। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में आरोपों पर डटी रही।

कोर्ट में दिए बयान में पलट गई। यह देख पुलिस को लगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि पीड़िता आरोपों से मुकर रही है। छानबीन में पता चला कि मुकदमा अवैध वसूली के लिए लिखाया है। अधिवक्ताओं ने वसूली की पटकथा लिखी थी। दोनों पक्षों के वकील आपस में मिल गए थे।

युवती के अधिवक्ता जितेंद्र राजपूत ने आरोपित युवक के अधिवक्ता अवनीश वैश्य को भी मिला लिया था। सभी ने मिलकर राहुल को डराया। जेल चला जाएगा। जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। यह भय दिखाया। इस जानकारी के बाद पुलिस ने अपने तरीके से साक्ष्य संकलन किया। सर्विलांस टीम की मदद ली गई। पुख्ता साक्ष्य जुटाए गए। साक्ष्य संकलन के दौरान कई ऐसे राज पता चला जो हैरान कर देने वाले थे। आरोपित अधिवक्ता हैं। इसलिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं को भी साक्ष्य दिखाए। ताकि कोई हंगामा न हो। वे भी साक्ष्य देखकर हैरान रह गए। 

पुलिस को छानबीन में पता चला कि युवक की उम्र 20 साल है। युवती उससे लगभग आठ साल बड़ी है। दोनों भगवान टॉकीज स्थित एक लाइब्रेरी में आया करते थे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। युवती बहाने से युवक को अपने साथ टीपी नगर के एक होटल में ले गई थी। उसके बाद मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज कराने का मकसद पहले से साफ था।

युवती घटना की शिकायत लेकर थाने नहीं आई। सीधे एसएसपी ऑफिस में होने वाली जनसुनवाई में पहुंची। महिला अपराध से जुड़ा मामला था। तत्काल मुकदमे के आदेश हो गए। मुकदमा दर्ज होने के बाद युवक को भयभीत किया गया। युवक दहशत में आ गया। पुलिस को यह जानकारी भी मिली कि पहले भी युवती प्रार्थना पत्र देकर अवैध वसूली कर चुकी है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस इस संबंध में भी साक्ष्य जुटा रही है।

इनकी हुई गिरफ्तारी
-गांव बहरामपुर, खंदौली निवासी अंजली
-अधिवक्ता जितेंद्र राजपूत (लकावली)
-अधिवक्ता निशांत कुमार प्रजापति (पचकुइयां, लोहामंडी)
-अधिवक्ता शेखर प्रताप सिंह (दुर्गा नगर, सदर)

इन्हें दिखाया फरार
इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि अधिवक्ता अवनीश वैश्य व अधिवक्ता ममता सोनी फरार हैं। दोनों को मुकदमे में अभियुक्त बनाया गया है। मुकदमा लिखाने के बदले युवती से अधिवक्ता ने एक लाख रुपये फीस ली थी। पांच लाख रुपये की वसूली के बाद दो लाख रुपये युवती के हिस्से में आए थे। शेष दो लाख रुपये अन्य चार अधिवक्ताओं को मिले थे।

ये हुई बरामदगी
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 3.75 लाख रुपये बरामद किए हैं। शेष रकम फरार दोनों अधिवक्ताओं के पास है। पुलिस का कहना है कि उनके पकड़े जाने के बाद शेष रकम बरामद की जाएगी।

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