वाराणसी: अघो परम्परा का विख्यात पर्व 'लोलार्क षष्ठी' इस वर्ष भी सांकेतिक रुप में ही मनाया जाएगा

पीठाधीश्वर अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी


रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल वाराणसी से

कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए विश्वविख्यात अघोरपीठ में, लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हर वर्ष मनाया जाने वाला अघो परम्परा का विख्यात पर्व 'लोलार्क षष्ठी' इस वर्ष भी सांकेतिक रुप में ही मनाया जाएगा

VaranAsi : काशी के केदार खण्ड में स्थित क्रीं कुण्ड पर सैकड़ो वर्षो से बाबा कीनाराम की षष्ठी पर लगने वाले स्नान मेला जिसमें अनुयायी पुत्र प्राप्ति की कामना एवं रोग द्वेष क्लेश निरवृत्ति हेतु स्नान व दान करते है ।   

इस वर्ष बाबा कीनाराम जी की षष्ठी 12 सितंबर रविवार को पड़ रही है लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के चलते वर्षो से चले आ रहे स्नान पर्व के कार्यक्रम को  स्थगित कर दिया गया है। 

भक्तों के लिए यह दूसरी बार है कि अनुयायीगण इस बार भी बाबा कीनाराम_जी की षष्ठी पर क्रीं कुण्ड में स्नान एवं वहां स्थापित समाधियों का दर्शन ,पूजन और वंदन नहीं कर सकेंगे । 
इस अवसर परआयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रम यथा स्नान / दान / दर्शन एवं मेला कोविड-19 के  बढ़ते प्रकोप को रोकने हेतु स्थगित कर दिया गया है ।

इस अवसर पर सर्वेश्वरी समूह के मुखिया एवं विश्वविख्यात अघोर शोध एवं सेवा संस्थान / क्रीं कुंड / कीनाराम स्थल / शिवाला के पीठाधीश्वर तथा अघोर सेवा मंडल / कीनाराम मठ / रामगढ़ / चंदौली के पीठाधीश्वर अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी ने समस्त भक्त जनों से अपील की है कि भक्तगण धैर्य धारण करें और अपने घर पर रहकर ही बाबा कीनाराम की षष्ठी मनाएं तथा आश्रम शाखा कार्यालय में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही मनाएं।

कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए विश्वविख्यात अघोरपीठ में हर वर्ष मनाया जाने वाला अघोर परम्परा का विख्यात पर्व - 'लोलार्क षष्ठी'- पिछली बार 2020 की तरह ही इस बार भी सांकेतिक रुप में ही मनाया जाएगा। सभी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों व् वैचारिक गोष्ठियों का आयोजन निरस्त कर दिया गया है । अतः सभी श्रद्धालुओं-भक्तजनों -स्नेहीजनों से निवेदन है कि, 12 सितम्बर 2021 दिन:- रविवार की तिथि को पड़ने वाले इस पावन पर्व को अपने घर पर ही श्रद्धापूर्वक मनाएं ।
साथ ही आप सब से अनुरोध है कि कोविड-19 की तीसरी लहर के संकट से सम्पूर्ण मानव जाति की रक्षा हेतु सभी आयोजन निरस्त रहेंगे। इस संकट की घड़ी में श्रद्धालुओं तथा अनुयायियों पर मानवता की सेवा एवं रक्षा का दायित्व सबसे अधिक है। अतः आप समय-समय पर जारी सुझावों का अनुपालन करें तथा अन्य लोगों को भी पालन करने हेतु प्रेरित करें। स्वयं भी सुरक्षित रहें और अपने परिवार को भी सुरक्षित रखें ।।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ