वाराणसी: जल और थल मार्ग को नभ से जोड़ने की पूर्वांचल की पहली रोप/वे परियोजना अब वाराणसी में धरातल पर उतरने की तैयारी में।


VaranAsi : जल और थल मार्ग को नभ से जोड़ने की पूर्वांचल की पहली परियोजना अब वाराणसी में धरातल पर उतरने की तैयारी में है। कैंट से गोदौलिया के बीच प्रस्तावित रोपवे परियोजना में आंशिक बदलाव हो सकता है। कैंट से शुरू होने वाले रोपवे का अंतिम पड़ाव गिरजाघर चौराहे पर ही होगा। फिलहाल आंशिक बदलाव के साथ सर्वे रिपोर्ट पूरी कर ली गई है। १० सितंबर तक फिजिबिलिटी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।

प्रदेश की सबसे लंबी रोपवे परियोजना में वैपकास कंपनी के प्रस्ताव में भौतिक सत्यापन के बाद बदलाव किया जा रहा है। गोदौलिया चौराहे पर रहने वाली भीड़ और जगह के अभाव कारण रोपवे को २०० मीटर पहले गिरजाघर चौराहे पर समाप्त किया जाएगा। यहां स्टेशन बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। इसमें कैंट से गोदौलिया के बीच तैयार की गई परियोजना में शुरुआती प्वाइंट कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने तय कर लिया गया है।

इसके अलावा साजन तिराहे और रथयात्रा के ठहराव के लिए भी स्थान का चयन कर लिया गया है। बता दें कि वैपकास कंपनी के प्रस्तुतीकरण के बाद भौतिक सत्यापन की जरूरत बताई गई थी। इसमें कैंट से गोदौलिया के बीच कुछ जगहों पर एलाइंमेंट में आ रही तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए विकास प्राधिकरण के साथ वैपकास की टीम का सर्वे पूरा हो गया है। रोपवे के सफर में साजन तिराहे और रथयात्रा पर भी यात्रियों को चढ़ने और उतरने का विकल्प होगा।

अधिग्रहित होने वाले भवनों की ली जानकारी 
वैपकास और वीडीए के साझा सर्वे में परियोजना के बीच आने वाले भवनों के अधिग्रहण की संभावना है। ऐसे में कुछ चिह्नित भवनों की जानकारी जुटाई गई है। दो दर्जन भवन आंशिक रूप से इस परियोजना से प्रभावित हो सकते हैं। फिलहाल शासन की अनुमति के बाद ही भवनों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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