नंबर वन के लिए थोड़ी और मेहनत की जरूरत है भारतीय पत्नियों को




चैतन्य भट्ट

ये सर्वे करने वाले भी पता नहीं किस - किस बात का सर्वे  करते  रहते हैं?  जो भी बातें लुकी छिपी रहती है सर्वे करके सब बाहर ला देते हैं। अभी तक किसी को इस बात का पता नहीं था कि भारतीय पति अपनी  बीबियों  से पिटते हैं या नहीं पर हाल ही में आये एक सर्वे  में इस बात  की पूरी तरह से पोल खुल गई की पूरे विश्व में अपनों बीबियों से पिटने वाले  शौहरों  के मामले में भारत का नम्बर तीसरा है lसबसे ज्यादा  पिटने वाले पति "इजिप्ट" में है तो दूसरे नंबर पर  "यूनाइटेड किंगडम" है और फिर  नंबर  आता है अपने वीरांगनाओं वाले देश  "इंडिया" का l ये सर्वे और किसी ने  नहीं बल्कि  "यूनाइटेड  किंगडम" में किया गया था और जब रिजल्ट आये तो ये बातें सामने आईं, अभी तक तो ये ही सोचा जाता था कि पति पत्नियों को पीटते हैं, घरेलू हिंसा में पत्नियों के मामले सामने आते है लेकिन इस सर्वे से ये सच भी उजागर हो गया कि पति भी  पिटने  में किसी से  पीछे  नहीं हैं , अपन  ने पता किया  कि आखिर ये बात अभी तक सामने क्यों नहीं आ  रही थी तो पता लगा कि बेचारे  पिटने  वाला  पति मारे शर्म के इस बात को घर से बाहर नहीं जाने  देता,  पुलिस को भी खबर नहीं करता  कि लोग क्या कहगें  कि देखो  साला  अपनी बीबी से  पिटता  है। वैसे इस सर्वे पर अपने को बहुत  ज्यादा अचरच नहीं  हुआ, क्योकि ये देश तो वीर नारियों का रहा है जिन्होंने दुश्मनो  को मार मार कर खदेड़ दिया  तो फिर ये पति कौन से खेत की मूली होते हैं l सर्वे में ये बात भी  पता  लगी है कि  पत्नियां पति को पीटने के लिए जिन हथियारों का यूज करती हैं  उनमें  बेल्ट, बेलन, जूते शामिल हैं  ये  तो  अच्छा हुआ  यदि "सिल लोढ़ा" "लोहे की  कढैय्या" "खल बट्टा" और  "झंझरे"  का उपयोग करती  तो  इन पिटने वाले पतियों का क्या हाल होता  वे ही जानते , वैसे भी बेलन से पतियों की पिटाई तो पुरानी बात हो गयी है, लेकिन बेल्ट वो भी पति के पेंट का और जूते ये पहली बार पता लगा है। कुछ लोगों ने तो इससे बचने के लिये पेंट में बेल्ट लगाना और जूते पहनना ही बंद कर दिया है कोई पूछता है कि  भैया  नगें  पैर  को रहते हो तो बतला देते हैं कि एक संकल्प लिया है जब एक वो पूरा नहीं हो जाता तब तक जूते न पहनने की कसम  खाई  है अब  बेचारा  क्या बताये  कि उनके अपने  जूते का सदुयोग उनकी  बीबी उन्हें  पीटने के काम में लाती हैं। तीसरे नंबर पर आने पर रंज मत करो  भारतीय पत्नियों,  थोड़ी सी और मेहनत करने की जरूरत है जो पत्नियां अभी तक पतियों को नहीं पीट रही हैं वे भी इस में शामिल हो जाएँ ताकि किसी एक मामले में तो इंडिया  नम्वर वन हो सके।

दार्शनिक मंत्री

लगता है अपने प्रदेश के एक मंत्री ओम  प्रकाश सकलेचा जी ने "दर्शन शास्त्र"  में पीएचडी  कर रखी है क्योकि जब भी उनसे कुछ पूछा जाता है वे बड़े ही दार्शनिक भाव में उसका  जवाब दे देते हैं , अब देखो न पत्रकारों ने उनसे मंहगाई और पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोत्री से होने वाली  परेशानी के बारे जब सवाल किया तो दर्शन  भाव में उनका  उत्तर था कि "जिंदगी  में परेशानी ही सुख  का आनंद   देती है जब तक परेशानी न आये सुख का आनंद  भी नहीं आता", सचमुच इनके दर्शन ने तो "सुकरात" "प्लूटो"  "अरस्तू" " कन्फ्यूशियस " "जॉन लॉक" "रेने डेकार्ट"  "फ्रेडरिक नीत्शे" "कार्लमार्क्स" "सिग्मंड फ्रायड" "जीन पाल"  "रूसो"  "खलील जिब्रोन"  "ओशो रजनीश" "चार्वाक"  "नागार्जुन" आदि को भी पीछे छोड़ दिया। मंत्री जी के इस दर्शन भाव से हम तो भाव विभोर हो गए, सचमुच जब तक परेशानी नहीं आती तब तक सुख क्या होता है  इसका अहसास  नहीं  होता, लेकिन अपनी एक ही इल्तजा है सरकार से कि कुछ दिनों के लिए उनसे मंत्री पद, सरकारी नौकर चाकर, गाड़ी, घोड़ा, बंगला,  वापस ले ले  इन सब चीजों के वापस होने से मंत्री जी परेशानी का  अनुभव करेंगे  और उस परेशानी में उन्हें कितना आनंद  आया है यदि उसका खुलासा करेंगे  तो जनता भी उनके  पदचिन्हों पर चलकर दो सौ रूपये के पेट्रोल पर भी आनंद का अनुभव  करेगी l  मंत्री जी आप को तो  सब कुछ फ्री फ़ोकट  में अवेलेबल है जिस दिन अपनी जेब से  अपनी गाडी में पेट्रोल  डलवाओगे   उस दिन  दिन से ये सारे दर्शन  हवा हो जाएंगे l  एक और मंत्री  हैं  "तोमर जी" कभी खम्भे पर चढ़ जाते हैं तो कभी नाले में उतर जाते हैं उनका  कहना  हैं कि यदि पेट्रोल   मंहगा हैं  तो  सायकल  चलाओ,  स्वास्थ  भी बढ़िया  रहेगा और  पैसे  भी  बचेंगे l अपना  इन  मंत्री जी से भी एक ही विनम्र निवेदन है कि आप  आज से ही  सरकारी  पैसों से  फुल  टैंक होने होने   वाली सरकारी गाडी का त्याग कर दें और अपनी खुद की सायकल से न सही मोटर सायकल या एक्टिवा से  घूमने  लगें  तब पता  चलेगा कि ज्ञान देना सबसे आसान काम है और उस पर अमल करना सबसे कठिन , लेकिन क्या करें मंत्री जी है वे कुछ भी कह सकते है आप को  मानना ही पड़ेगा, आप ही ने तो उन्हें जिता  कर विधायक और  मंत्री बनाया है तो भोगा और सुनो भाषण l

सुपर हिट ऑफ़ द वीक 

"जो व्यक्ति गलती  करने  के बाद उसे मान ले  उसे आप क्या कहेंगे" ? किसी ने श्रीमान  जी से पूछा

"अकलमंद, शरीफ और बड़े दिल वाला  आदमी"

"और जो गलती न करने के बाद भी उसे मान ले उसे"

"शादी शुदा पुरुष" श्रीमान जी का उत्तर  था

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