बुलंदशहर हत्याकांड: प्यास बुझाने गई थी दिव्यांग मासूम, मां बोलीं-मुझे क्या पता था बेटी को मौत के दरवाजे पर...

मेरी मासूम बच्ची ने मेरे साथ ही तो खाना खाया था, बोलने में अक्षम थी तो इशारों-इशारों में ही मुझसे पानी पीने के लिए दरिंदे के घर जाने की अनुमति ली थी। क्या पता था अपनी बच्ची को मौत के दरवाजे पर जाने की अनुमति दे रही हूं।

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