लॉकडाउन: करोड़ों नौकरियां गईं, सामाजिक और आर्थिक असमानता बढ़ी, खोया मानसिक सुकून

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण एक साल पहले देशव्यापी लॉकडाउन ने जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया था। बसों और ट्रेनों के पहिए अचानक थम गए। जो जहां था वहीं फंस गया।

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