चौरीचौरा विद्रोह के अनुत्तरित सवाल और ब्रिटिश दंभ को ध्वस्त करने का दिन

चौरीचौरा विद्रोह की शुरुआत एक फरवरी 1922 को होती है, जब मुण्डेरा बाजार में स्वयंसेवक भगवान अहीर और उसके दो अन्य साथियों को जागीरदार के इशारे पर चौरा थाने का दरोगा मारता है।

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