'कुछ ही महीने में पैसे डबल' का लालच देकर ठग ले गया करोड़ों! बरेली से झारखंड तक फैला कन्हैया गुलाटी का जाल, 35 मुकदमे दर्ज



बरेली के ठग कन्हैया गुलाटी ने निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी की, 35 केस दर्ज, झारखंड तक फैला नेटवर्क, SIT जांच में खुलासे।


बरेली से उठा देशव्यापी ठगी का पर्दा: निवेश के नाम पर करोड़ों की लूट

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक ऐसे ठग की कहानी सामने आई है जिसने अपनी चालाकी और चिकनी-चुपड़ी बातों से सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया। नाम है कन्हैया गुलाटी। एक ऐसा नाम जो आज निवेशकों के बीच डर और गुस्से का पर्याय बन चुका है। खुद को बड़ा कारोबारी बताने वाला यह व्यक्ति लोगों को निवेश का ऐसा सपना दिखाता था जिसमें 10 महीने में पैसा दोगुना होने का लालच था। लेकिन जैसे ही मोटी रकम उसके खाते में पहुंचती, वह गायब हो जाता। झारखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैले इस ठगी नेटवर्क का खुलासा अब हो रहा है।

कैसे शुरू हुआ कन्हैया गुलाटी का जाल

शुरुआत में कन्हैया गुलाटी ने बरेली में कुछ स्थानीय लोगों को अपने प्लान में शामिल किया। उसने बताया कि वह रियल एस्टेट, मार्केटिंग और इन्श्योरेंस सेक्टर में बड़े स्तर पर काम कर रहा है और उसके पास ऐसी स्कीमें हैं जो निवेशकों को दोगुना रिटर्न देने में सक्षम हैं। शुरुआत में उसने जानबूझकर कुछ लोगों को समय पर पैसा लौटाया जिससे उसका भरोसा बढ़ गया। इसी भरोसे की नींव पर उसने ठगी की इमारत खड़ी की।

'सिर्फ 10 महीने में रकम डबल': भरोसा दिलाने वाला झांसा

कन्हैया गुलाटी ने जिन स्कीमों की बात की, वे बेहद आकर्षक लगती थीं। 1 लाख दो और 10 महीने बाद 2 लाख ले जाओ… यही उसकी मूल रणनीति थी। उसने छोटे व्यापारियों, गृहिणियों, बुजुर्गों और युवाओं को खासतौर पर निशाना बनाया। जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं था लेकिन जल्दी अमीर बनने का सपना था। यही उसकी ठगी का सबसे बड़ा हथियार बना।

पीड़ितों की हालत: जमा पूंजी, जेवर और कर्ज तक लगा दिया

जैसे-जैसे उसके प्लान्स का प्रचार हुआ, वैसे-वैसे लोग इसमें शामिल होते गए। कई लोगों ने अपनी जमा पूंजी, बचत के पैसे, गहने तक बेचकर कन्हैया गुलाटी की स्कीम में पैसा लगाया। कुछ लोगों ने तो बैंक और साहूकारों से कर्ज तक ले लिया ताकि मोटी रकम इन्वेस्ट कर सकें। उन्हें बताया गया था कि पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है और एक तय समय बाद उन्हें दुगना रिटर्न मिलेगा। लेकिन जैसे ही बड़ी संख्या में पैसा इकट्ठा हुआ, कन्हैया गुलाटी ने रंग बदल लिया।

जब निवेशक पूछने लगे सवाल, तब शुरू हुई चालाकियों की कहानी

कन्हैया गुलाटी शुरुआत में हर पूछताछ पर यह कहता था कि कुछ समय और लगेगा, कंपनी बड़े लेवल पर प्रोजेक्ट में पैसा डाल रही है। धीरे-धीरे उसने जवाब देना बंद कर दिया और शहर से बाहर निकलने लगा। अब तक बरेली में उसके खिलाफ कुल 17 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इसके अलावा झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 18 और मुकदमे दर्ज हैं। कुल मिलाकर उस पर 35 केस दर्ज हो चुके हैं।

अलग-अलग जिलों में चलती थीं अलग-अलग स्कीमें

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि कन्हैया गुलाटी सिर्फ बरेली में ही नहीं बल्कि झारखंड के भी कई इलाकों में ठगी कर चुका है। वहां भी उसने निवेश का मॉडल कुछ ऐसा ही रखा लेकिन स्कीम के नाम अलग रखे गए। कहीं वह ‘ग्लोबल ग्रोथ मार्केटिंग’ नाम से पैसा लेता था तो कहीं ‘कन्हैया मल्टी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम पर। हर जगह का तरीका अलग लेकिन मकसद एक—लोगों से पैसा लेकर फरार हो जाना।

बारादरी थाने में दर्ज हुआ 17वां मुकदमा

हाल ही में बारादरी थाना, बरेली में दर्ज हुए नए मुकदमे ने इस मामले को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। इस मुकदमे में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि कन्हैया गुलाटी ने उससे 5 लाख रुपये लिए थे और कहा था कि 10 महीने में 10 लाख बना देगा। शुरू में दो किस्तें मिलीं लेकिन फिर गुलाटी ने जवाब देना बंद कर दिया। जब शिकायतकर्ता ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, तो उसे धमकियां मिलने लगीं।

SSP ने बनाई SIT, लुकआउट नोटिस भी जारी

बरेली के SSP अनुराग आर्य ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है। SIT को निर्देश दिए गए हैं कि कन्हैया गुलाटी और उसके साथियों के खिलाफ जितने भी मामले दर्ज हैं उनकी गहराई से जांच की जाए। पुलिस ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आरोपी देश छोड़कर फरार न हो जाए।

पुलिस को शक: कहीं विदेश भागने की फिराक में तो नहीं?

पुलिस को आशंका है कि कन्हैया गुलाटी अब तक फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर दूसरे शहरों में छिपा हुआ हो सकता है या फिर नेपाल या खाड़ी देशों में भागने की कोशिश कर रहा हो। इसलिए उसके पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। पुलिस उसकी मोबाइल लोकेशन, बैंक खातों और प्रॉपर्टी निवेशों की भी निगरानी कर रही है।

पीड़ितों की टूटती उम्मीदें: न्याय की आखिरी उम्मीद SIT

जिन लोगों ने अपनी जमा पूंजी इस स्कीम में लगाई थी, वे अब पुलिस के पास बार-बार पहुंच रहे हैं। कई निवेशक थानों के चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं। उन्हें उम्मीद है कि एसआईटी की जांच से उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी गाढ़ी कमाई वापस मिल पाएगी। एक पीड़िता ने बताया कि उसने बेटी की शादी के लिए जो पैसे जोड़े थे, वो सब कन्हैया गुलाटी की स्कीम में चले गए।

आरोपी की संपत्ति और लेन-देन की हो रही जांच

पुलिस अब कन्हैया गुलाटी की संपत्ति की भी जांच कर रही है। माना जा रहा है कि ठगी के पैसे से उसने बरेली, लखनऊ, रांची और पटना में प्रॉपर्टी खरीदी है। बैंक खातों की जांच में भी भारी रकम के लेन-देन के संकेत मिले हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किन-किन नामों से संपत्ति खरीदी गई और क्या वे नाम भी फर्जी हैं।

कब सामने आएगा ठगी का पूरा जाल?

फिलहाल SIT ने जांच तेज कर दी है और सभी एफआईआर की कॉपी और पीड़ितों के बयान इकट्ठा किए जा रहे हैं। जल्द ही एक चार्टेड अकाउंटेंट और साइबर एक्सपर्ट की मदद से लेन-देन की गहराई से जांच शुरू होगी। ठगी का यह जाल कितना गहरा है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी पूरी तस्वीर आने वाले हफ्तों में सामने आ सकती है।

पुलिस की चुनौती: आरोपी के संपर्कों की भी हो रही पड़ताल

इस केस की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कन्हैया गुलाटी अकेले काम नहीं करता था। उसके साथ एक टीम थी जो लोगों को कॉल करके स्कीम्स के बारे में जानकारी देती थी, पेमेंट लेती थी और रसीद जारी करती थी। पुलिस अब इस नेटवर्क में शामिल हर व्यक्ति की तलाश कर रही है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ