सपने में दिखे भगवान शिव, तो ‘मोहम्मद’ ने छोड़ दिया इस्लाम! गंगाजल से शुद्ध होकर ‘महादेव’ बन गया खंडवा का युवक



खंडवा में मुस्लिम युवक मोहम्मद ने सपने में भगवान शिव के दर्शन के बाद सनातन धर्म अपनाया, अब खुद को ‘महादेव’ कहते हैं।


सपने में भगवान शिव के दर्शन से बदली जिंदगी

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक ऐसी अद्भुत घटना सामने आई है जिसने पूरे शहर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश को चर्चा में ला दिया है। यहां एक मुस्लिम युवक मोहम्मद खान ने हिंदू धर्म अपना लिया है। मोहम्मद का कहना है कि उन्हें भगवान शिव ने सपने में दर्शन दिए और अपने मूल धर्म में लौट आने का आशीर्वाद दिया। इस सपने ने उनकी पूरी जिंदगी की दिशा बदल दी। आज वही मोहम्मद, गंगाजल से स्नान कर, सिर मुंडवाकर, जनेऊ पहनकर ‘महादेव’ बन चुका है और हर दिन शिव मंदिर में आराधना करता है।

खंडवा के प्राचीन महादेवगढ़ मंदिर में हुआ धर्म परिवर्तन

खंडवा के प्रसिद्ध महादेवगढ़ मंदिर में कुछ दिन पहले एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। मंदिर परिसर में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालु उस समय भाव-विभोर हो उठे जब मोहम्मद खान ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद सनातन धर्म अपनाने की घोषणा की। गंगाजल से शुद्धिकरण, मुंडन संस्कार और जनेऊ धारण के बाद उन्होंने कहा—“अब मैं महादेव के चरणों में जीवन समर्पित कर रहा हूँ।”

इस अवसर पर मंदिर के प्रमुख अशोक पालीवाल, कई स्थानीय पुजारी और श्रद्धालु मौजूद थे। पूरे मंदिर में ‘हर हर महादेव’ के जयकारे गूंज उठे और हवा में एक अद्भुत भक्ति का भाव भर गया।

मोहम्मद से महादेव बनने की यात्रा

मोहम्मद खान बताते हैं कि यह सब अचानक नहीं हुआ। एक रात उन्होंने एक अनोखा सपना देखा, जिसमें भगवान शिव साक्षात प्रकट हुए। उन्होंने कहा—“अपने मूल धर्म में लौट आओ और मेरी सेवा करो।” उस पल से मोहम्मद का जीवन बदल गया। अगले दिन वह महादेवगढ़ मंदिर पहुंचे और पुजारियों के सामने अपने निर्णय की घोषणा कर दी।

उन्होंने कहा, “मैंने कोई दबाव में नहीं, बल्कि भगवान शिव के आदेश पर यह निर्णय लिया है। मुझे लगा कि यही मेरे जीवन का सच्चा मार्ग है।”

मंदिर में गूंजे जयकारे, हवन से सुगंधित हुआ परिसर

पूजा और हवन के बाद मंदिर का वातावरण बेहद पवित्र और ऊर्जामय हो गया। फूलों की खुशबू, धूप की महक और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। महादेवगढ़ के पुजारी अशोक पालीवाल ने कहा—“यह घटना केवल धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि आत्मा के जागरण की कहानी है। ऐसे प्रसंग बहुत दुर्लभ होते हैं जब कोई व्यक्ति भगवान के संकेत पर अपनी पहचान ही बदल देता है।”

परिवार और समाज की प्रतिक्रिया

शुरुआत में मोहम्मद के परिवार को उनके निर्णय पर गहरा आश्चर्य हुआ। कुछ रिश्तेदारों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन धीरे-धीरे परिवार ने उनकी आस्था को समझते हुए इस निर्णय को स्वीकार कर लिया। अब महादेव अपने नए जीवन में पूर्ण रूप से रम चुके हैं। उन्होंने अपने घर में एक छोटा शिवालय बनवाया है और हर सुबह भगवान शिव की पूजा करते हैं।

महादेव कहते हैं—“ईश्वर एक है, बस रूप अलग-अलग हैं। मैं अब शिवभक्त हूँ और अपने जीवन को भक्ति और सदाचार में व्यतीत करूंगा। मेरा उद्देश्य अब लोगों में प्रेम, शांति और एकता का संदेश फैलाना है।”

महादेवगढ़ मंदिर का धार्मिक महत्व

खंडवा का महादेवगढ़ मंदिर मध्य प्रदेश के सबसे प्राचीन और शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में की गई प्रार्थना शीघ्र फल देती है। यहां भक्तों की बड़ी संख्या प्रतिदिन दर्शन के लिए आती है। मंदिर के पुरोहित बताते हैं कि इस स्थान पर पहले भी कुछ लोगों ने स्वेच्छा से ‘घर वापसी’ की है, लेकिन इस बार की घटना विशेष इसलिए है क्योंकि यह किसी ईश्वरीय संकेत से प्रेरित थी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और चर्चा

महादेव की इस कथा ने पूरे खंडवा में सनसनी मचा दी है। लोग मंदिर में पहुंचकर उनसे मुलाकात करने लगे हैं। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि महादेव की आस्था देखकर लगता है कि ईश्वर की शक्ति असीम है और कोई भी जब चाहे जीवन की दिशा बदल सकता है।

मंदिर में आने वाले लोगों ने कहा कि यह घटना समाज के लिए एक संदेश है कि भक्ति किसी जाति या मजहब की बंदिशों में नहीं बंधी। जब आस्था सच्ची होती है, तो ईश्वर खुद मार्ग दिखा देता है।

धर्म गुरुओं की राय

स्थानीय धर्माचार्यों का कहना है कि किसी भी धर्म का सार मानवता और प्रेम है। अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से किसी ईश्वर की भक्ति में लीन हो जाता है, तो उसे किसी बंधन की आवश्यकता नहीं होती। खंडवा की यह घटना समाज को एक बड़ा संदेश देती है कि भक्ति किसी धर्म की संपत्ति नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है।

कानूनी औपचारिकताएं और प्रशासन की भूमिका

धर्म परिवर्तन के बाद महादेव ने अपने सभी कानूनी दस्तावेज बदलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अब उनके नए जीवन की शुरुआत हो चुकी है और वह चाहते हैं कि उनके सभी पहचान पत्रों में नया नाम ‘महादेव’ दर्ज हो। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया वैधानिक नियमों के अनुसार होगी।

समाज के लिए प्रेरणा बनी यह घटना

खंडवा की यह कहानी आज पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बन गई है। जब धर्म और आस्था के नाम पर समाज में विभाजन की बातें होती हैं, तब एक व्यक्ति का ऐसा निर्णय यह साबित करता है कि ईश्वर किसी एक का नहीं, सबका है।

महादेव कहते हैं—“मैं किसी का विरोध नहीं करता। बस इतना चाहता हूं कि हर इंसान अपने अंदर झांके और सत्य को पहचाने। भगवान शिव ने मुझे जीवन का अर्थ बताया है, अब मैं वही सिखाना चाहता हूं—‘सत्य, करुणा और सेवा’।’’



जब आस्था पुकारे तो बंधन टूट जाते हैं

खंडवा के महादेव की कहानी केवल धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि आत्म-परिवर्तन की यात्रा है। सपने में मिले संकेत से शुरू हुआ यह सफर अब भक्ति की मिसाल बन गया है। उन्होंने साबित किया कि ईश्वर के प्रति सच्ची निष्ठा व्यक्ति को भीतर से बदल देती है। आज महादेव हर दिन महादेवगढ़ मंदिर में आरती करते हैं, भजन गाते हैं और लोगों को प्रेम और एकता का संदेश देते हैं।

यह घटना याद दिलाती है कि जब आस्था जागती है, तो इंसान अपने भीतर का अंधकार मिटाकर प्रकाश की ओर बढ़ता है—और वही है सच्चे धर्म का अर्थ।

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