दिल्ली में लाल किले के पास धमाका, 9 की मौत। जांच में फरीदाबाद मॉड्यूल और जम्मू-कश्मीर कनेक्शन, UAPA के तहत केस दर्ज।
लाल किले के पास ब्लास्ट से दहली दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर दहशत में है। सोमवार शाम लाल किले के पास अचानक हुए जबरदस्त धमाके ने पूरे इलाके में अफरातफरी मचा दी। इस ब्लास्ट में अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई घायल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के घरों और दुकानों की खिड़कियां तक टूट गईं। लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई और कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका पुलिस और बम निरोधक दस्तों से घिर गया।
गृह मंत्री अमित शाह खुद रात में मौके पर पहुंचे। उन्होंने दिल्ली पुलिस, NIA और फॉरेंसिक विशेषज्ञों से मौके पर रिपोर्ट ली। यह घटना देश के सबसे सुरक्षित क्षेत्रों में से एक में हुई है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर पसीना आ गया है।
टेरर एंगल की जांच में जुटी एजेंसियां
धमाके की प्रकृति और कार की स्थिति देखकर एजेंसियों ने शुरुआती जांच में टेरर एंगल से जांच शुरू कर दी है। सरकार ने इस मामले को UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत दर्ज किया है, जो सीधे आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों की जांच के लिए उपयोग होता है।
सूत्रों का कहना है कि जांच में शुरुआती सुराग फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल की ओर इशारा कर रहे हैं। इसी मॉड्यूल से सोमवार को हथियार और विस्फोटक भी बरामद हुए थे। ये वही फरीदाबाद है जहां पिछले कुछ महीनों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। अब एजेंसियां इन दोनों घटनाओं को जोड़ने में लगी हैं।
धमाके का जम्मू-कश्मीर कनेक्शन
जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जिस i20 कार में धमाका हुआ, उसका मालिक जम्मू-कश्मीर के संबूरा इलाके का रहने वाला बताया गया है। उसका नाम आमिर राशिद मीर है, जो पेशे से प्लंबर है। उसे जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
आमिर के बारे में कहा जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर के आसपास देखा गया था। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या कार में विस्फोटक उसके जरिए लाए गए थे या किसी और ने उसका इस्तेमाल किया।
पाकिस्तान के हाथ की आशंका
भारत में जब भी इस तरह के हमले होते हैं, सबसे पहले उंगलियां पाकिस्तान की ओर उठती हैं। और इस मामले में भी शक उसी दिशा में जा रहा है। पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि उसने भारत में आतंक फैलाने के लिए सीमापार से कई बार साजिशें रचीं।
यदि जांच में पाकिस्तान के किसी संगठन या मॉड्यूल का हाथ निकलता है, तो इस बार भारत का जवाब बेहद कड़ा हो सकता है। क्योंकि सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि किसी भी “Act of Terror” को “Act of War” माना जाएगा। मई में पहलगाम हमले के बाद गृह मंत्रालय ने यह बयान दिया था, जो अब इस घटना के बाद फिर से चर्चा में है।
अगर यह आतंकी हमला साबित हुआ तो…
सरकार फिलहाल इस धमाके को आधिकारिक तौर पर आतंकी हमला घोषित करने में जल्दबाजी नहीं कर रही है। लेकिन अगर जांच में यह साबित हो गया कि यह एक आतंकी हमला था, और इसके तार पाकिस्तान या उसके किसी संगठन से जुड़े हैं, तो भारत को फिर से ऑपरेशन सिंदूर जैसे कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं।
यह ऑपरेशन भारत की जवाबी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की जाती है। सूत्र बताते हैं कि सेना और खुफिया एजेंसियों को पहले ही हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सरकार एक्शन मोड में, विपक्ष हमलावर
जैसे ही धमाके की खबर फैली, विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि यह वही दिल्ली है, जिसे ‘सुरक्षित राजधानी’ कहा जाता है, लेकिन यहां लोग सड़कों पर मर रहे हैं और सरकार सिर्फ भाषण दे रही है। विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को इस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए, बल्कि एजेंसियों को जांच पूरी करने देनी चाहिए।
हाई अलर्ट पर दिल्ली और एनसीआर
ब्लास्ट के बाद दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। लाल किला, इंडिया गेट, संसद भवन, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी वाहनों की जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच, क्राइम ब्रांच और NIA मिलकर इस केस पर काम कर रही हैं।
फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में भी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। कई CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि उस i20 कार की मूवमेंट का पता लगाया जा सके जिसमें धमाका हुआ।
फरीदाबाद में मिला हथियारों का जखीरा
धमाके के कुछ घंटे बाद ही फरीदाबाद के एक डॉक्टर के ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। ये बरामदगी इस केस का टर्निंग पॉइंट मानी जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि यह पूरी कार्रवाई हरियाणा पुलिस की बजाय जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की। इससे हरियाणा पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतने दिनों तक उन्हें इन गतिविधियों की भनक क्यों नहीं लगी।
सरकार की रणनीति: शांति और सख्ती दोनों साथ
गृह मंत्रालय इस मामले को लेकर बेहद सावधानी बरत रहा है। किसी भी बयान या घोषणा से पहले सभी एजेंसियों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अमित शाह ने स्पष्ट कहा है कि “हम सभी संभावनाओं की जांच कर रहे हैं, कोई भी एंगल छोड़ा नहीं जाएगा।”
सरकार चाहती है कि इस केस को सिर्फ आतंकवाद की नजर से नहीं बल्कि सुरक्षा तंत्र की कमियों के दृष्टिकोण से भी देखा जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
UAPA के तहत दर्ज हुआ केस
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA की धारा 16 और 18 के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा Explosives Act और BNS की धाराएं भी लगाई गई हैं।
धारा 16 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करता है जिससे जनता में भय फैलता है या किसी सरकार को मजबूर किया जाता है, तो उसे आतंकवादी गतिविधि कहा जाएगा। इसके लिए उम्रकैद या फांसी तक की सजा हो सकती है।
धारा 18 के तहत, अगर कोई व्यक्ति आतंकवादी गतिविधि की योजना बनाता है या उसमें सहयोग करता है, तो उसे भी उतनी ही सजा दी जाती है जितनी आतंकवादी कृत्य करने वाले को।
जनता में डर, सवालों की लहर
राजधानी में रहने वाले आम लोगों के बीच डर का माहौल है। लाल किले जैसे ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले इलाके में ब्लास्ट ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर इतने हाई-प्रोफाइल जोन में विस्फोटक कैसे पहुंचा।
लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या दिल्ली अब सुरक्षित नहीं रही? क्या सुरक्षा एजेंसियां लगातार मिल रही खुफिया सूचनाओं को नजरअंदाज कर रही थीं?
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आगे की राह
इस घटना पर अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता जताई है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा।
अगले कुछ दिनों में NIA और IB इस केस की विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगे। उसके बाद तय होगा कि इस धमाके को आतंकी हमला घोषित किया जाएगा या नहीं। लेकिन एक बात तय है — अगर सबूत पाकिस्तान की ओर इशारा करते हैं, तो भारत का जवाब सख्त और निर्णायक होगा।


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