सीतापुर: नशे में धुत पिता ने मासूम को कुएं में लटकाया, हाथ फिसला तो बेटी गिरी नीचे… एक गलती ने ली जान!



सीतापुर में शराबी पिता की लापरवाही से 7 साल की बेटी की मौत, डराने के लिए कुएं में लटकाया, हाथ फिसला और हो गया हादसा


सीतापुर में शराबी पिता की हरकत से मासूम की दर्दनाक मौत

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। मंगलवार रात जगन्नाथपुर फुलरुवा गांव में एक पिता की शराबी लापरवाही ने उसकी मासूम सात वर्षीय बेटी की जान ले ली। आरोपी पिता ने नशे की हालत में अपनी बेटी को डराने के लिए घर के पास बने कुएं में लटका दिया, लेकिन हाथ फिसल जाने से बच्ची नीचे गिर गई। जब तक ग्रामीणों ने उसे निकाला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।

घटना की पूरी कहानी: खेल-खेल में मौत बन गया नशे का कहर

सीतापुर जिले के जगन्नाथपुर फुलरुवा गांव निवासी श्रवण कुमार मंगलवार की रात शराब के नशे में अपने घर लौटा। पड़ोसियों के मुताबिक, वह अक्सर शराब पीकर घर में झगड़ा करता था और बच्चों पर गुस्सा निकालता था। उस रात भी वह हद से ज्यादा नशे में था। गुस्से और झुंझलाहट में उसने अपनी सात साल की बेटी लक्ष्मी को डराने के लिए उसके हाथ पकड़कर कुएं के ऊपर लटका दिया। लेकिन अचानक उसका संतुलन बिगड़ा और हाथ फिसल गया। मासूम लक्ष्मी चीखते हुए कुएं में जा गिरी।

श्रवण को अपनी गलती का एहसास होते ही वह भी कुएं में कूद पड़ा ताकि बेटी को बचा सके, लेकिन गहराई और पानी के कारण वह कुछ नहीं कर पाया। इसी दौरान गांव के लोग शोर सुनकर मौके पर पहुंचे और दोनों को कुएं से बाहर निकाला। आनन-फानन में बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी

घटना की सूचना मिलते ही थाना रामकोट पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आरोपी पिता श्रवण कुमार को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ शुरू कर दी है। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने भी पुलिस को बताया कि श्रवण लंबे समय से शराब की लत में डूबा हुआ था। उसकी पत्नी की मृत्यु करीब छह वर्ष पहले हो गई थी, जिसके बाद से वह मानसिक रूप से टूट गया और शराब का आदी बन गया।

थाना प्रभारी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। आरोपी पिता के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है।

गांव में पसरा मातम और लोगों का आक्रोश

इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। ग्रामीणों की आंखों में आंसू हैं और लोग श्रवण की हरकत पर गुस्सा भी जता रहे हैं। गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि श्रवण की पत्नी की मौत के बाद उसके दोनों छोटे बच्चे ही उसकी जिंदगी की जिम्मेदारी थे, लेकिन उसने शराब के नशे में अपने ही घर को बर्बाद कर दिया।

गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि लक्ष्मी बहुत होशियार और प्यारी बच्ची थी। वह अक्सर मंदिर में दीये जलाती थी और पिता के नशे में आने पर उसे चुप कराने की कोशिश करती थी। लेकिन उस रात किसे पता था कि वही बच्ची अब कभी लौटकर नहीं आएगी।

बेटी लक्ष्मी की मासूमियत और परिवार की त्रासदी

लक्ष्मी के परिवार में अब उसका छोटा भाई सत्यराम (6 वर्ष) ही बचा है, जो अभी भी सदमे में है। गांव के लोगों ने बताया कि बच्चा कुछ बोल नहीं पा रहा है और लगातार अपनी बहन को पुकार रहा है। पड़ोसी परिवार बच्चे की देखभाल कर रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से बच्चे के पुनर्वास और सुरक्षित भविष्य की मांग की है।

श्रवण कुमार की यह हरकत न सिर्फ एक पिता की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में व्याप्त शराबखोरी के दुष्प्रभाव को भी उजागर करती है। यह घटना इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि शराब कैसे एक खुशहाल परिवार को पल भर में तबाही में बदल सकती है।

शराबखोरी की सामाजिक समस्या और प्रशासन की चुनौती

उत्तर प्रदेश में शराब से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कई बार पारिवारिक विवादों, हिंसा और लापरवाही से मासूमों की जान चली जाती है। ग्रामीण इलाकों में सस्ती देशी शराब की उपलब्धता और बेरोजगारी इस समस्या को और बढ़ा रही है। सरकार और प्रशासन की ओर से जागरूकता अभियान तो चलाए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर असर नगण्य है।

सीतापुर जैसे जिलों में ऐसे कई परिवार हैं, जो शराब की लत के कारण बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शराबी व्यक्तियों के लिए काउंसलिंग और नशामुक्ति केंद्रों तक पहुंच आसान होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच की स्थिति

पुलिस के अनुसार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण डूबने से दम घुटना बताया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आरोपी पिता की जिम्मेदारी स्पष्ट मानी जा रही है। फिलहाल पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पुलिस ने बताया कि श्रवण के खिलाफ पहले भी घरेलू हिंसा और मारपीट के मामलें दर्ज हैं। उसकी आदतें पड़ोसियों के लिए भी परेशानी का कारण थीं। हालांकि अब उसकी बेटी की मौत ने पूरे गांव में भय और दुख का माहौल बना दिया है।

आसपास के गांवों में भी दहशत और सहानुभूति की लहर

फुलरुवा गांव की यह घटना आसपास के गांवों में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग बच्ची की आत्मा की शांति के लिए दीप जलाकर प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं कई सामाजिक संगठन इस घटना को शराबबंदी अभियान से जोड़कर देख रहे हैं। महिलाओं के समूहों ने भी मांग की है कि शराब पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

मां के जाने के बाद टूटा पिता, फिर बनी शराब उसकी दुश्मन

श्रवण की पत्नी की मौत ने उसे अंदर से तोड़ दिया था। लेकिन उसने अपनी पीड़ा को संभालने के बजाय शराब में डुबो दिया। पड़ोसियों के अनुसार, पहले वह मजदूरी करता था और बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देता था, लेकिन धीरे-धीरे उसने सब छोड़ दिया। नशे में वह बच्चों को पीटता था, और कई बार गांव के लोगों ने उसे समझाने की कोशिश भी की। लेकिन नशे ने उसकी समझदारी पर पर्दा डाल दिया था।

अब जब उसकी बेटी नहीं रही, तो गांव के लोग कह रहे हैं कि शायद अब उसे अपनी गलती का अहसास होगा, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका है।

प्रशासन की पहल और भविष्य के लिए चेतावनी

सीतापुर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि शराब से संबंधित अपराधों को लेकर पुलिस चौकसी बढ़ाएगी। साथ ही सामाजिक संगठनों और पंचायतों से अपील की गई है कि वे शराब पीने वालों पर निगरानी रखें और ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्ट करें।

यह घटना न केवल एक पिता की लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी भी है कि शराब की लत किस तरह एक परिवार की नींव को हिला सकती है।

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