कौशांबी में रूह कंपा देने वाला कांड: लालच ने बेटे को बनाया हैवान, मां की बेरहमी से हत्या के बाद फंदे पर लटकाया शव – पोस्टमार्टम में खुला सनसनीखेज राज!



कौशांबी में बेटे ने प्रॉपर्टी के लालच में मां की बेरहमी से हत्या कर शव फांसी पर लटकाया, पोस्टमार्टम में खुला चौंकाने वाला राज


कौशांबी में दिल दहला देने वाला हत्याकांड: मां की मौत के पीछे निकला बेटे का खौफनाक सच

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया. यहां एक 55 वर्षीय महिला की संदिग्ध मौत का मामला जब पुलिस जांच के घेरे में आया तो परत दर परत खुलते रहस्यों ने सबको हैरान कर दिया. जो मौत शुरू में आत्महत्या लग रही थी, दरअसल वह एक सोच-समझकर रची गई साजिश निकली. और इस साजिश का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मृतका का अपना बेटा निकला.

मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के खेरवा गांव में गुरुवार शाम को शीला देवी नाम की महिला का शव छत से लटकता पाया गया था. जब परिवार के सदस्य घर लौटे तो यह मंजर देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. किसी को समझ नहीं आया कि आखिर यह कैसे हुआ. शीला देवी की उम्र 55 साल बताई जा रही है और वह चित्रकूट जिले के राजापुर थाना क्षेत्र के गंधवानिया गांव की रहने वाली थीं.

बहू-बेटे की प्रताड़ना से परेशान होकर मामा के घर आई थी शीला देवी

पुलिस जांच में सामने आया कि शीला देवी अपने बेटे वीरू सिंह और बहू पूनम सिंह के व्यवहार से बेहद परेशान थीं. घर में लगातार झगड़े, गालियां और मारपीट से तंग आकर वह करीब 20 दिन पहले अपने मामा के बेटे जय सिंह के घर आकर रहने लगी थीं. उन्होंने शायद सोचा होगा कि थोड़े दिन सुकून से बीत जाएंगे, लेकिन किसे पता था कि यहीं पर उनके जीवन की आखिरी सांसें गिन ली जाएंगी.

गुरुवार के दिन जय सिंह अपने किसी काम से फतेहपुर जिले के धाता गांव गए हुए थे. वहीं शीला देवी के मामा बैंक के काम से बाहर गए थे. घर पर अकेली शीला देवी थीं. शाम को जब जय सिंह लौटे तो उन्होंने दरवाजा खोला और भीतर का दृश्य देखकर सन्न रह गए. कमरे में शीला देवी का शव रस्सी के फंदे से लटक रहा था. पास में दो प्लेटों में नाश्ता और गिलास रखा मिला.

आत्महत्या या हत्या? पोस्टमार्टम ने सच्चाई खोली

मंझनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. डॉक्टर डीआर सिंह की टीम ने जब पोस्टमार्टम किया तो जो बातें सामने आईं, उन्होंने इस ‘आत्महत्या’ को ‘हत्या’ में बदल दिया. रिपोर्ट में साफ लिखा था कि शीला देवी की मौत सिर में गहरी चोट लगने से हुई थी. यानी उन्हें पहले मारा गया और बाद में फंदे पर लटकाया गया. इतना ही नहीं, उनकी जीभ भी कटी हुई थी.

इस रिपोर्ट ने पुलिस के शक को पुख्ता कर दिया कि यह कोई साधारण घटना नहीं बल्कि एक साजिश है.

हत्या के बाद गढ़ा गया आत्महत्या का ड्रामा

पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया कि हत्या के बाद आरोपी ने शव को फांसी के फंदे से लटकाया ताकि यह लगे कि महिला ने खुद अपनी जान दे दी है. दो प्लेट नाश्ता देखकर यह अंदेशा हुआ कि घटना से ठीक पहले शीला देवी के साथ कोई और भी मौजूद था. कमरे से किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं मिली, जिससे पुलिस का शक और गहरा गया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद जांच का दायरा और सख्त किया गया. सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन खंगालने पर पुलिस के हाथ एक ऐसा सुराग लगा जिसने पूरे केस का रुख बदल दिया.

पुलिस की जांच में खुला राज – बेटा ही निकला हत्यारा

कौशांबी के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि इस केस की परतें खुलने के बाद जो सच सामने आया, उसने सबको स्तब्ध कर दिया. उन्होंने कहा, “कमरे में मिले दो प्लेट और गिलास से यह स्पष्ट हुआ कि मृतका के साथ कोई मौजूद था. जब तकनीकी जांच की गई तो पता चला कि मृतका का बेटा किशन किशोर उस दिन गांव में था.”

पुलिस ने जब किशन किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पहले टालमटोल की, मगर जब सबूतों का दबाव बढ़ा तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. किशन ने बताया कि उसे अपनी मां की संपत्ति और पैसों पर कब्जा चाहिए था. बार-बार समझाने के बावजूद जब मां ने इनकार किया, तो उसने गुस्से में आकर हत्या की योजना बना ली.

पैसों और जमीन की लालच ने मिटाई मां-बेटे के रिश्ते की लकीर

किशन ने अपनी मां से आखिरी बार मिलने का नाटक किया. उसने नाश्ता करने के बहाने उन्हें शांत बैठने को कहा और बातों ही बातों में सिर पर वार कर दिया. जब शीला देवी बेहोश होकर गिर गईं, तो उसने सोचा कि उनकी सांसें चल रही हैं. इसलिए उसने फांसी के फंदे से शव को टांग दिया ताकि सबको लगे कि यह आत्महत्या है.

इस पूरे घटनाक्रम में जो बात सबसे ज्यादा डरावनी है, वह यह कि एक बेटा जिसने मां की गोद में जीवन पाया, वही उसका हत्यारा बन गया. पुलिस का कहना है कि किशन को यह डर था कि उसकी मां संपत्ति अपने मामा के बेटे जय सिंह के नाम कर सकती हैं. इसी शक और लालच ने उसे इतना अंधा बना दिया कि उसने मातृत्व की मूरत का गला घोंट दिया.

कौशांबी पुलिस की तेजी से खुला हत्याकांड का राज

पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि केस खुलने में सर्विलांस टीम की बड़ी भूमिका रही. मोबाइल की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि किशन घटना वाले दिन खेरवा गांव में था. उसके फोन की लोकेशन मृतका के घर से मेल खा रही थी. यह पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज की.

किशन के कबूलनामे के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उसके खिलाफ हत्या और साजिश रचने के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हत्याकांड में किसी और का हाथ था या उसने अकेले ही इसे अंजाम दिया.

गांव में मातम, रिश्तेदार बोले – ऐसा बेटा न हो किसी का

घटना के बाद पूरे खेरवा गांव में मातम पसर गया है. ग्रामीणों का कहना है कि शीला देवी बेहद मिलनसार और धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं. उन्होंने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं की. किसी को भरोसा नहीं हो रहा कि उनका खुद का बेटा उन्हें मौत के घाट उतार सकता है.

रिश्तेदारों का कहना है कि किशन कुछ समय से अपनी मां से पैसे और जमीन को लेकर झगड़ता रहता था. कई बार पड़ोसी भी इस झगड़े के गवाह बने थे. लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि मामला हत्या तक पहुंच जाएगा.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनी पुलिस की सबसे बड़ी कुंजी

इस केस में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने निर्णायक भूमिका निभाई. अगर डॉक्टर डीआर सिंह की टीम ने सिर पर लगी चोट और जीभ कटने की बात न लिखी होती तो यह केस आत्महत्या के रूप में बंद हो जाता. रिपोर्ट में यह साफ था कि मृत्यु का कारण दिमागी चोट थी और उसके बाद शव को फांसी पर लटकाया गया था.

यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस ने इसे हत्या मानते हुए जांच की दिशा बदल दी और सच्चाई सामने आ गई.

अंधे लालच की कहानी – जब रिश्तों पर भारी पड़ा संपत्ति का मोह

यह घटना सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं बल्कि समाज को आईना दिखाने वाली चेतावनी है. जब लालच और स्वार्थ रिश्तों से बड़ा हो जाए, तब इंसान हैवान बन जाता है. शीला देवी की मौत ने यह साबित कर दिया कि धन की हवस इंसान को अंधा कर देती है.

कौशांबी का यह मामला आने वाले समय में परिवारिक विवादों और प्रॉपर्टी के झगड़ों पर एक गहरी छाप छोड़ेगा. यह केस उन तमाम लोगों के लिए चेतावनी है जो संपत्ति के लालच में अपने ही खून के रिश्तों पर वार करने की सोचते हैं.

फिलहाल आरोपी जेल में, पुलिस कर रही है केस की चार्जशीट तैयार

कौशांबी पुलिस ने आरोपी किशन किशोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस अब केस की चार्जशीट तैयार कर रही है और जल्द ही अदालत में पेश करेगी. वहीं, मृतका के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं.

मंझनपुर पुलिस स्टेशन के सूत्रों ने बताया कि शीला देवी के बेटे के खिलाफ साक्ष्य इतने मजबूत हैं कि उसके बचने की कोई संभावना नहीं है. अदालत में उसे कड़ी सजा मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है.

समाज के लिए सीख

यह मामला सिर्फ एक खबर नहीं बल्कि समाज के लिए एक सबक है कि माता-पिता के प्रति लालच या बेवफाई किसी भी रूप में मानवता की सबसे बड़ी हार होती है. शीला देवी जैसी असंख्य महिलाएं आज भी रिश्तों की उम्मीद में अपने बच्चों पर भरोसा करती हैं, लेकिन कुछ बच्चे उस भरोसे को मौत में बदल देते हैं.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ