कौशांबी में बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां ने भी तोड़ा दम, एक साथ उठीं दोनों की अर्थियां, इलाके में छाया मातम।
कौशांबी में भावुक कर देने वाली घटना, मां-बेटे की एक साथ मौत से शोक की लहर
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। यहां एक मां अपने बेटे की मौत का सदमा सह नहीं सकी और उसकी मृत्यु की खबर सुनते ही उसने भी दम तोड़ दिया। यह मार्मिक घटना कड़ा धाम थाना क्षेत्र के देवीगंज बाजार की है, जहां 52 वर्षीय मुन्ना अग्रहरि की मौत प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में हो गई। परिजनों को जैसे ही यह दुखद सूचना मिली, घर में कोहराम मच गया। सबसे बड़ी चोट तब लगी जब यह खबर सुनते ही मुन्ना की 78 वर्षीय मां तारा देवी भी अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं और थोड़ी ही देर बाद अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
10 वर्षों से बीमार बेटे की अस्पताल में मौत
जानकारी के अनुसार, देवीगंज बाजार के निवासी मुन्ना अग्रहरि पिछले 10 वर्षों से ब्रेन हेमरेज की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनका इलाज प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्हें करीब एक सप्ताह पूर्व भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद शनिवार को उनकी हालत बिगड़ी और दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत उनके परिवार को फोन पर सूचना दी, जो कुछ ही देर में पूरे मोहल्ले में फैल गई।
मां ने बेटे की मौत की खबर सुनते ही छोड़ी दुनिया
बेटे की मौत की खबर जब मुन्ना अग्रहरि के घर देवीगंज बाजार पहुंची, तब घर में चीख-पुकार मच गई। उनकी वृद्ध मां तारा देवी यह सुनते ही बेसुध होकर गिर पड़ीं। परिजनों ने उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह दृश्य इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। एक ही दिन, एक ही समय और एक ही परिवार से दो अर्थियां उठने का नजारा देखने को मिला, जिसने पूरे देवीगंज क्षेत्र को गम में डुबो दिया।
मां-बेटे की एक साथ अर्थी उठी, रो पड़ा पूरा देवीगंज
शनिवार देर दोपहर जब अस्पताल से मुन्ना अग्रहरि का शव देवीगंज लाया गया, तो घर के बाहर सैकड़ों लोग जमा हो गए। उस वक्त तक तारा देवी का भी अंतिम संस्कार की तैयारी हो चुकी थी। गांव वालों ने बताया कि उन्होंने कभी ऐसा दृश्य नहीं देखा था, जहां मां-बेटे की एक साथ अर्थियां उठी हों। हर किसी की आंखें आंसुओं से भीग गईं। यह क्षण न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए बेहद पीड़ादायक था।
मां-बेटे के अटूट प्रेम की मिसाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुन्ना अग्रहरि और उनकी मां तारा देवी के बीच बेहद गहरा रिश्ता था। मां हर पल बेटे की चिंता में डूबी रहती थीं। पिछले 10 वर्षों से मुन्ना की बीमारी के दौरान मां ने दिन-रात उसकी सेवा की, दवाइयों और देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी। परिजन बताते हैं कि बेटे के जाने का दुख तारा देवी सह नहीं पाईं और उसी सदमे में उन्होंने भी दुनिया छोड़ दी। यह घटना मां-बेटे के उस अटूट रिश्ते को बयां करती है जो जीवन और मृत्यु दोनों में साथ रहा।
प्रतिष्ठित व्यापारी थे मुन्ना अग्रहरि
मुन्ना अग्रहरि देवीगंज बाजार के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे। उनके पास एक बेटा और एक बेटी है। परिजन और रिश्तेदारों का कहना है कि वे बेहद मिलनसार और धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। स्थानीय व्यापारिक समाज में उनकी गिनती एक सुलझे हुए व्यक्ति के रूप में होती थी। बीमारी के बावजूद उन्होंने अपने कारोबार और परिवार को संभाले रखा था। उनकी मौत से व्यापारिक समुदाय भी स्तब्ध है और हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
मां की मौत से टूट गया परिवार, आंखों में विश्वास नहीं
परिवार के लोगों का कहना है कि वे इस दोहरी त्रासदी को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि एक दिन में मां और बेटे दोनों की विदाई हो गई। घर की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं पुरुष सदस्यों की आंखों से भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। रिश्तेदारों का कहना है कि यह घटना पूरे परिवार को भीतर तक तोड़ गई है। मां-बेटे के जाने के बाद घर का वातावरण पूरी तरह बदल गया है।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
रविवार सुबह मां-बेटे की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। देवीगंज बाजार की गलियों में उस समय सन्नाटा पसर गया जब एक साथ दो अर्थियां निकलीं। दोनों की चिता को एक ही घाट पर एक ही समय जलाया गया। इस दौरान देवीगंज और आसपास के गांवों से भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे। हर किसी ने नम आंखों से मां-बेटे को अंतिम विदाई दी। कई महिलाएं दहाड़ें मारकर रोती नजर आईं तो पुरुषों की आंखें भी छलक उठीं।


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