कौशांबी में मुस्लिम परिवार ने धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपनाया। मेहंदी अली बने अनुज प्रताप, सायमा बनीं सौम्या अनुज सिंह।
कौशांबी में मुस्लिम परिवार ने अपनाया सनातन धर्म, ‘घर वापसी’ के साथ नई पहचान की शुरुआत
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जनपद में एक मुस्लिम परिवार द्वारा हिंदू धर्म को दोबारा अपनाने की खबर ने इलाके में चर्चाओं का माहौल पैदा कर दिया है। सराय अकिल थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरखास गांव निवासी मेहंदी अली राजपूत ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ वैदिक विधियों से धर्म परिवर्तन कर ‘घर वापसी’ की। अब उन्होंने अपना नया नाम अनुज प्रताप सिंह रख लिया है और पत्नी सायमा को सौम्या अनुज सिंह के नाम से जाना जाएगा। उनकी तीन वर्षीय बेटी उर्वा को भी अब उर्विजा अनुज सिंह के नाम से पुकारा जाएगा।
दुर्गा मंदिर में वैदिक रीति से हुई घर वापसी की प्रक्रिया
यह धर्म परिवर्तन कोई साधारण प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि मंझनपुर कस्बा स्थित प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में वैदिक हवन, पूजा और मंत्रोच्चार के साथ सम्पूर्ण वैदिक परंपरा का पालन करते हुए सम्पन्न हुआ। पूरे समारोह में धर्माचार्यों के साथ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। अनुज प्रताप सिंह ने अपनी इच्छा से सनातन धर्म को स्वीकार करते हुए पूर्ण निष्ठा के साथ इसे जीवन का मार्ग बताया।
महिलाओं के सम्मान से प्रेरित होकर लिया धर्म परिवर्तन का निर्णय
अनुज प्रताप सिंह उर्फ पूर्व में मेहंदी अली ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनका यह फैसला पूरी तरह पारिवारिक सहमति से लिया गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें हिंदू धर्म की “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसी वैश्विक सोच और महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना ने अत्यंत प्रभावित किया। उनके अनुसार सनातन धर्म ही एक ऐसा दर्शन है जिसमें नारी को ‘शक्ति’ और ‘सम्मान’ का रूप माना जाता है। यह विचारधारा उन्हें और उनके परिवार को न सिर्फ आत्मिक संतोष देती है, बल्कि सामाजिक शांति और एकता की दिशा में भी प्रेरित करती है।
पूर्व में छोड़ दिया था हिंदू धर्म, अब बताया सबसे बड़ी भूल
जानकारी के अनुसार, अनुज प्रताप सिंह का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था, लेकिन जीवन के किसी मोड़ पर उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था। हालांकि, समय के साथ उन्होंने महसूस किया कि वह निर्णय उनके लिए और उनके परिवार के लिए सही नहीं था। उन्होंने स्पष्ट रूप से यह कहा कि उन्हें अपनी पुरानी भूल का गहरा पछतावा है, और अब वे दोबारा सनातन धर्म की शरण में आए हैं।
वन अंब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक भी हैं अनुज
धर्म परिवर्तन करने वाले अनुज प्रताप सिंह केवल एक आम नागरिक नहीं हैं, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। वे ‘वन अंब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट’ के संस्थापक हैं, जो समाजसेवा से जुड़े कई कार्यों में हिस्सा लेता रहा है। उन्होंने बताया कि धर्म परिवर्तन का उनका यह कदम किसी भी प्रकार की राजनीति या प्रचार से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह एक गहरी आत्मिक अनुभूति और सनातन मूल्यों की ओर वापसी का परिणाम है।
हिंदू संगठनों ने बताया साहसिक कदम, दी शुभकामनाएं
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अनुज प्रताप सिंह और उनके परिवार की इस पहल को साहसिक और प्रेरणादायक बताया। उनका कहना था कि ऐसे उदाहरण समाज में हिंदू संस्कृति की व्यापकता और सहिष्णुता को दर्शाते हैं। कुछ संगठनों ने इसे ‘घर वापसी’ आंदोलन का हिस्सा बताते हुए और भी परिवारों को इस दिशा में प्रेरित करने की बात कही।
परिवार ने कहा- अब हिंदू रीति-रिवाजों से ही जीएंगे जीवन
अनुज प्रताप सिंह ने मीडिया से यह भी स्पष्ट किया कि अब वे अपने परिवार के साथ हिंदू रीति-रिवाजों, त्योहारों और परंपराओं का पूर्णतः पालन करेंगे। उनका कहना था कि वे अब अपनी बेटी को भी उन्हीं संस्कारों में बड़ा करेंगे, जिसमें महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि हो। उन्होंने कहा कि अब वह अपने जीवन को वेदों, पुराणों और उपनिषदों के सिद्धांतों के अनुसार संचालित करेंगे।
धर्म परिवर्तन पर उठे सवाल, लेकिन परिवार अडिग
हालांकि समाज में इस तरह के निर्णयों को लेकर कुछ वर्गों से सवाल उठते हैं, लेकिन अनुज प्रताप सिंह और उनका परिवार पूरी तरह अपने निर्णय को लेकर स्पष्ट और प्रतिबद्ध नजर आया। उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत और आत्मिक निर्णय है, जिसे वे किसी भी सामाजिक या धार्मिक दबाव के कारण नहीं बल्कि अपने अनुभव और विचारों से प्रेरित होकर ले रहे हैं।
बेटी उर्विजा की भी नामकरण संस्कार के साथ हुई घर वापसी
इस घर वापसी समारोह में सिर्फ अनुज और सौम्या ही नहीं बल्कि उनकी तीन वर्षीय बेटी उर्वा को भी नया नाम मिला। अब उसे उर्विजा अनुज सिंह के नाम से जाना जाएगा। यह पूरा नामकरण वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ। परिवार का कहना है कि वे अपनी बेटी को हिंदू संस्कृति और परंपरा के साथ बड़ा करना चाहते हैं ताकि वह महिलाओं के सम्मान और आत्मसम्मान की भावनाओं को बचपन से ही समझ सके।
सामाजिक मीडिया पर वायरल हो रही है यह घटना
यह खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। कई लोग इसे साहसिक कदम बता रहे हैं तो कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन अनुज प्रताप सिंह के अनुसार वे अब किसी आलोचना या समर्थन से प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने जो निर्णय लिया है वह उनके आत्मा की आवाज है और वे उसी मार्ग पर चलेंगे।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।