कानपुर सेंट्रल पर लोको पायलट पति के लिए पत्नी ने प्लेटफॉर्म पर खोला करवा चौथ व्रत, चाँद देखकर रीति-रिवाज से पूजा की। वीडियो वायरल।
जब ड्यूटी बनी प्रेम की परीक्षा: लोको पायलट पति के लिए पत्नी पहुंची कानपुर सेंट्रल
कानपुर। करवा चौथ जैसे पारंपरिक और भावनात्मक त्योहार पर जहां आमतौर पर सुहागिनें घरों की छतों से चाँद का दीदार कर अपना व्रत तोड़ती हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात एक अनोखा और भावुक कर देने वाला दृश्य सामने आया। यह नजारा प्रेम और समर्पण की एक अद्वितीय मिसाल बन गया, जिसने वहाँ मौजूद हर यात्री का दिल छू लिया। दरअसल, एक महिला अपनी पूजा की थाली लेकर सीधे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुँच गई, क्योंकि उसके पति को अपनी रेलवे ड्यूटी के कारण छुट्टी नहीं मिल पाई थी।
लोको पायलट पति की लंबी उम्र के लिए प्लेटफॉर्म पर हुई पूजा
जानकारी के अनुसार, यह महिला कानपुर निवासी है और उसके पति भारतीय रेल में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं। नौकरी की अनिवार्यताओं के चलते वे त्योहार के दिन घर नहीं आ सके, जिसके कारण पत्नी ने यह अभूतपूर्व फैसला लिया। रात होते ही जैसे ही आसमान में चाँद दिखाई दिया, महिला ने रेलवे प्लेटफॉर्म को ही अपना पूजा स्थल बना लिया। पति के सामने खड़ी होकर, उसने छलनी से पहले चंद्रमा के दर्शन किए, फिर अपने पति का चमकता चेहरा देखा और पूरी पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ व्रत संपन्न किया।
भावुक क्षण कैमरे में कैद, सोशल मीडिया पर तेज रफ्तार से वायरल
यह भावुक कर देने वाला पल किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं था। जहाँ एक तरफ पति ड्यूटी की वर्दी में अपनी ट्रेन के पास खड़े थे, वहीं पत्नी सज-धज कर पूजा की थाली लिए उनका इंतजार कर रही थी। वहाँ मौजूद सहकर्मियों और सैकड़ों यात्रियों ने इस निष्ठा भरे प्रेम को देखा और कई लोगों ने तुरंत इस दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पूजा के बाद पति ने प्रेमपूर्वक पत्नी को पानी पिलाकर उनका व्रत खुलवाया, फिर मिठाई खिलाई और पत्नी ने पैर छूकर पति का आशीर्वाद लिया।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं। यूजर्स इस आदर्श जोड़े की समर्पण की भावना और कर्तव्यपरायणता की जमकर सराहना कर रहे हैं। इस अद्वितीय करवाचौथ ने यह साबित कर दिया कि सच्चे रिश्ते में भौगोलिक दूरी और कार्य की बाधाएँ मायने नहीं रखतीं, बल्कि समर्पण और गहरी भावनाएँ हर परिस्थिति में साथ निभा सकती हैं।
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