ASI संदीप लाठर की विदाई पर उमड़ा सैलाब: बेटे ने दी मुखाग्नि, पत्नी बोली– “मुझे मेरा पति वापस चाहिए”!

 

ASI संदीप लाठर का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि, पत्नी को नौकरी व बच्चों की पढ़ाई का वादा।

एएसआई संदीप लाठर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ, बेटे ने दी मुखाग्नि

हरियाणा के जींद जिले के जुलाना कस्बे में उस समय बेहद भावुक माहौल देखने को मिला, जब आत्महत्या करने वाले एएसआई संदीप लाठर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। भीड़ इतनी थी कि गांव की गलियों से लेकर श्मशान घाट तक लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पूरे इलाके में मातम पसरा था और आंखें नम थीं। अंतिम संस्कार में एएसआई के आठ वर्षीय बेटे विहान ने पिता को मुखाग्नि दी, जिसके दृश्य ने सभी को भावुक कर दिया।

फूलों से सजी पुलिस वैन से पहुंचा शव, गांव में उमड़ा जनसैलाब

एएसआई संदीप लाठर का पार्थिव शरीर रोहतक पीजीआई से विशेष पुलिस वाहन में फूलों से सजाकर उनके पैतृक गांव जुलाना लाया गया। गांव में प्रवेश करते ही लोगों की आंखों से आंसू झलक पड़े। पुलिस के जवानों ने पूरी शालीनता से पार्थिव शरीर को कंधा दिया। हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। संदीप लाठर हरियाणा पुलिस के साइबर सेल में तैनात थे और बीते दिनों उन्होंने सुसाइड कर ली थी, जिससे पूरे पुलिस विभाग और समाज में शोक की लहर दौड़ गई थी।

पोस्टमार्टम में देरी का कारण: परिजनों की न्याय की मांग

परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को रोक दिया था। उनका स्पष्ट कहना था कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसी वजह से पोस्टमार्टम में काफी देरी हुई और बुधवार रात परिजन केवल शासन के आश्वासन के बाद मानें। गुरुवार सुबह रोहतक पीजीआई में पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाया गया।

पत्नी का विलाप और बहनों की गुहार ने तोड़ी सबकी हिम्मत

अंतिम संस्कार के दौरान संदीप की पत्नी ने सिसकते हुए कहा, “मुझे कुछ नहीं चाहिए… मुझे मेरा पति वापस चाहिए।” यह सुनकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं। वहीं, उनकी बहनों ने भी पूरे समाज और प्रशासन से न्याय की अपील की। उन्होंने कहा कि एक वफादार पुलिस अधिकारी को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया, यह पूरे सिस्टम के लिए शर्मनाक है।

मंत्री, नेता और डीजीपी पहुंचे श्रद्धांजलि देने

एएसआई संदीप लाठर के अंतिम संस्कार में हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री कृष्ण लाल पंवार, कांग्रेस नेत्री श्रुति चौधरी और डीजीपी ओपी सिंह सहित अनेक राजनेता व अधिकारी पहुंचे। सभी ने परिवार को ढांढस बंधाया और संदीप लाठर की कुर्बानी को याद किया। हरियाणा सरकार की ओर से यह आश्वासन भी दिया गया कि एएसआई की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाएगी और बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

विनेश फोगाट ने दिए सरकार को वादों के यादगार शब्द

विधायक और अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट भी अंतिम संस्कार में पहुंचीं और शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में काम करने वाले अधिकारी जब खुद की जान ले रहे हैं तो ये बहुत ही गंभीर सवाल खड़ा करता है कि आम नागरिकों की सुरक्षा कौन करेगा। उन्होंने सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को लेकर आशंका जताई और कहा कि कई बार वादे सिर्फ मौके पर होते हैं, उन्हें निभाया नहीं जाता। इसीलिए समाज को इस परिवार के साथ मजबूती से खड़े रहना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जताई संवेदना

पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने संवेदना प्रकट करते हुए भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार एएसआई की पत्नी को यथाशीघ्र नौकरी देगी और बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च भी वहन किया जाएगा। उन्होंने इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े रहने की बात कही और प्रशासन को हरसंभव मदद के निर्देश दिए।

पूरे समाज में मचा आक्रोश, उठी न्याय की मांग

एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या ने हरियाणा ही नहीं, देशभर में पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस विभाग को आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, अगर उसके भीतर कार्यरत ईमानदार अधिकारी खुद को असहाय महसूस कर सुसाइड कर लें तो यह बेहद चिंताजनक विषय है। सोशल मीडिया पर भी संदीप लाठर के लिए न्याय की मांग तेज हो गई है और “Justice for ASI Sandeep Lathar” ट्रेंड कर रहा है।

क्या कहती है प्रारंभिक जांच? क्यों उठाया ऐसा कदम?

हालांकि अभी तक सुसाइड की असली वजह साफ नहीं हो पाई है लेकिन सूत्रों के अनुसार विभागीय उत्पीड़न और मानसिक तनाव इसके पीछे प्रमुख कारण बताया जा रहा है। यह भी सामने आया है कि संदीप किसी वरिष्ठ अधिकारी की अनुचित मांगों या दबाव से परेशान थे। परिवार का कहना है कि संदीप ने कई बार अपने अधिकारियों से शिकायत की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बेटा बोला– "पापा को क्यों मारा?"

सबसे दिल दहला देने वाला क्षण तब आया जब आठ वर्षीय विहान ने रोते हुए पूछा, “मेरे पापा को क्यों मारा?” यह सवाल सिर्फ एक बच्चे का नहीं, बल्कि पूरे समाज की आत्मा को झकझोर देने वाला प्रश्न है। आखिर क्यों एक ईमानदार अधिकारी को इतना अकेला छोड़ दिया गया कि वह खुद को खत्म करने पर मजबूर हो गया?

पुलिस महकमे में भी पसरा है सन्नाटा

संदीप लाठर की मौत से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरा पुलिस विभाग भी शोक में डूबा है। उनके साथ काम करने वाले साथी बताते हैं कि संदीप बेहद अनुशासित और निष्ठावान अधिकारी थे। वे कभी भी ड्यूटी से पीछे नहीं हटते थे। लेकिन अंदर ही अंदर वे जिन तकलीफों से गुजर रहे थे, वह किसी को न दिखाई दी और न ही किसी ने समझने की कोशिश की।

महिला अधिकार संगठनों ने की जांच की मांग

इस घटना के बाद महिला संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं ने भी संदीप लाठर के केस की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण सुसाइड नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की विफलता का परिणाम है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी कर्मचारी को मानसिक रूप से इस कदर न तोड़ा जाए कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो।

अब क्या करेगा प्रशासन?

एएसआई संदीप लाठर के सुसाइड केस ने शासन और प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक तरफ जहां सरकार ने आश्वासन दिए हैं, वहीं दूसरी ओर समाज और पीड़ित परिवार को उम्मीद है कि यह मामला ठंडे बस्ते में नहीं जाएगा। अब देखना यह है कि आरोपियों के खिलाफ जांच कब तक पूरी होती है और क्या संदीप लाठर को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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