लाल किले से चोरी हुआ सोने-हीरे से जड़ा करोड़ों का कलश, CCTV में कैद संदिग्ध… सुरक्षा में भारी चूक



दिल्ली लाल किले से सोने-हीरे का करोड़ों का कलश चोरी, CCTV में कैद संदिग्ध, पुलिस जांच में जुटी, सुरक्षा पर उठे सवाल


लाल किले से चोरी हुआ बेशकीमती कलश, सुरक्षा पर उठे सवाल

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर में आयोजित जैन धार्मिक अनुष्ठान के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां से सोने, हीरे, माणिक्य और पन्ना से जड़ा एक बेशकीमती कलश चोरी हो गया, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह घटना 2 सितंबर को हुई, ठीक उसी समय जब कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मौजूद थे।

कार्यक्रम के बीच से गायब हुआ कीमती कलश

मामला उस समय का है जब जैन समुदाय के धार्मिक आयोजन के दौरान स्वागत समारोह चल रहा था। जैसे ही मंच पर गतिविधियां तेज हुईं, तभी मंच से वह कलश रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। पुलिस के अनुसार कारोबारी सुधीर जैन इस अनुष्ठान में प्रतिदिन पूजा के लिए यही कलश लेकर आते थे। 2 सितंबर को भी वे इसे लेकर पहुंचे थे, लेकिन भीड़ और चहल-पहल के बीच कलश चोरी हो गया।

लाल किले के अंदर हुआ था धार्मिक अनुष्ठान

जैन समुदाय का यह अनुष्ठान लाल किला परिसर के पार्क में 15 अगस्त से चल रहा था और यह 9 सितंबर तक आयोजित होने वाला है। हजारों लोग इस आयोजन में शामिल हो रहे हैं। इसी बीच हुई इस चोरी ने पूरे समुदाय और प्रशासन को हिलाकर रख दिया है।

CCTV फुटेज में कैद संदिग्ध

दिल्ली पुलिस ने घटना के बाद तुरंत जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिसमें एक संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियां साफ तौर पर नजर आ रही हैं। पुलिस ने उसकी पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई है।

कितने कीमती थे चोरी हुए कलश के रत्न

जानकारी के मुताबिक चोरी हुआ कलश लगभग 760 ग्राम सोने से बना था, जिसमें 150 ग्राम हीरे, माणिक्य और पन्ना जड़े थे। धार्मिक महत्व के साथ-साथ यह कलश आर्थिक दृष्टि से भी बेहद कीमती था। इसके चोरी होने से जैन समाज में रोष है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

पहले भी लाल किले में हुई थी सुरक्षा चूक

लाल किले की सुरक्षा को लेकर सवाल पहले भी उठ चुके हैं। 2 अगस्त को भी एक बड़ा मामला सामने आया था, जब स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के दौरान दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने मॉक ड्रिल में सुरक्षा में भारी लापरवाही पकड़ी थी। टीम नकली बम लेकर लाल किले में दाखिल हो गई थी और वहां तैनात सुरक्षाकर्मी उसे पकड़ भी नहीं पाए थे। इस लापरवाही के बाद कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।

पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की चिंता

वर्तमान मामले में पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है और कलश को बरामद करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। हालांकि सवाल यह उठ रहा है कि देश के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक लाल किले के अंदर इतनी बड़ी चोरी आखिर कैसे हो गई। सुरक्षा व्यवस्था पर पहले ही सवाल उठ चुके थे और अब इस चोरी ने एक बार फिर पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी है।

जनता और धार्मिक समुदाय की प्रतिक्रिया

जैन समुदाय के धार्मिक नेताओं और श्रद्धालुओं ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया है। उनका कहना है कि इतने बड़े और ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित धार्मिक आयोजन में इस तरह की घटना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रद्धालुओं का मानना है कि अगर लाल किले जैसा हाई सिक्योरिटी जोन सुरक्षित नहीं है, तो फिर आम जगहों की सुरक्षा की कल्पना करना मुश्किल हो जाता है।

लाल किला और सुरक्षा का महत्व

लाल किला केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ऐतिहासिक धरोहर है। यहां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं। ऐसे में इस परिसर में लगातार सुरक्षा चूक और अब करोड़ों के कलश की चोरी ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

लाल किले से बेशकीमती कलश की चोरी केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करती है। पुलिस भले ही संदिग्ध तक पहुंचने का दावा कर रही हो, लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था में अभी भी कई खामियां मौजूद हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपी को पकड़कर कलश बरामद कर पाती है और सुरक्षा में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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