लखनऊ सीएम आवास पर रेप पीड़िता ने आत्मदाह की कोशिश की। पीड़िता ने नोएडा पुलिस पर कार्रवाई न करने और लापरवाही का आरोप लगाया।
लखनऊ में बड़ा घटनाक्रम: रेप पीड़िता ने सीएम आवास पर आत्मदाह की कोशिश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक रेप पीड़िता अचानक मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंची और आत्मदाह करने की कोशिश करने लगी। राजधानी की हाई सिक्योरिटी वाली इस जगह पर अचानक हुए इस घटनाक्रम ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए। पीड़िता का कहना है कि नोएडा पुलिस ने उसकी शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की, जबकि उसने उनकी लोकेशन तक पुलिस को बता दी थी।
नोएडा से लखनऊ पहुंची पीड़िता, पुलिस पर गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक पीड़िता नोएडा से लखनऊ पहुंची थी। उसने शालीमार गार्डन थाने में बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप है कि उसने 24 जून को थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर करीब 25 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई। पीड़िता ने कई बार पुलिस को लोकेशन बताई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़िता ने बताया कि जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा। पीड़िता ने कहा कि यह सब पुलिस की लापरवाही का नतीजा है और अगर समय रहते कार्रवाई की जाती तो उसे आत्मदाह जैसे कदम की चेतावनी नहीं देनी पड़ती।
इंस्टाग्राम पर जताई थी आत्मदाह की चेतावनी
रेप पीड़िता ने न्याय न मिलने पर आत्मदाह की धमकी पहले ही सार्वजनिक कर दी थी। उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करके कहा था कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह सीएम आवास के सामने आत्मदाह करेगी। इसके बावजूद पुलिस ने न तो आरोपियों की गिरफ्तारी की और न ही पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की।
सीएम आवास के पास सुरक्षाकर्मियों ने रोका
मुख्यमंत्री आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने मौके की गंभीरता को समझते हुए तुरंत पीड़िता को पकड़ लिया और आत्मदाह की कोशिश को नाकाम कर दिया। आत्मदाही दस्ते की सतर्कता की वजह से बड़ा हादसा टल गया। इस दौरान वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा और लोग यह देखकर हैरान रह गए कि एक युवती इस हद तक जाने के लिए मजबूर हो गई।
पुलिस पर गंभीर सवाल
पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की बजाय मामले को दबाने की कोशिश की। उसने आरोप लगाया कि उसे लगातार न्याय से वंचित रखा जा रहा है। पीड़िता ने यह भी कहा कि अगर सरकार और पुलिस प्रशासन ईमानदारी से काम करते तो उसे मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह का प्रयास करने की नौबत ही नहीं आती।
न्याय की मांग और प्रशासन पर दबाव
लखनऊ में हुई इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। पीड़िता की पीड़ा और उसका सीएम आवास पहुंचना इस बात का सबूत है कि सिस्टम में खामियां अभी भी बरकरार हैं। अब यह मामला प्रशासन और सरकार के लिए संवेदनशील बन गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस घटना के बाद पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगी।
घटना का असर और आगे की स्थिति
इस पूरे मामले ने न केवल नोएडा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी दिखाया है कि पीड़िताओं को न्याय पाने के लिए किस हद तक संघर्ष करना पड़ता है। राजधानी के सबसे सुरक्षित इलाके में आत्मदाह की कोशिश ने शासन-प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इस घटना से पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है और मामले पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।


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