मटर-कुलचे के 30 रुपये मांगना पड़ा भारी, सब्जी विक्रेता ने बेटों संग मिलकर रेहड़ीवाले को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला



बुलंदशहर में 30 रुपये कुलचे की मांग पर सब्जी विक्रेता और बेटों ने रेहड़ीवाले को लाठी से पीटकर मौत के घाट उतार दिया।


बुलंदशहर में मामूली रकम पर खून की होली

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे इलाके को दहला दिया है। एक मटर-कुलचे बेचने वाले रेहड़ीवाले की जान सिर्फ 30 रुपये के विवाद पर चली गई। मृतक की पहचान 40 वर्षीय रवि कुमार के रूप में हुई है जो लंबे समय से गांव के मुख्य गेट पर मटर-कुलचे की रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। इस घटना ने न केवल गांव में सनसनी फैला दी बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना कैसे शुरू हुई

मामला बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र के कुड़वल बनारस गांव का है। चार सितंबर को गांव का ही एक सब्जी विक्रेता रवि की रेहड़ी से मटर-कुलचे की एक प्लेट खाकर चला गया। उस वक्त उसने पैसे देने से मना कर दिया और कहा कि बाद में भुगतान कर देगा। अगले दिन पांच सितंबर को रवि ने जब उस सब्जी विक्रेता से अपने 30 रुपये मांगे तो विवाद बढ़ गया। मामूली सी रकम को लेकर दोनों में कहासुनी हुई और आरोप है कि सब्जी विक्रेता ने गाली-गलौच शुरू कर दी।

लाठी-डंडों से बेरहमी से हमला

रवि के विरोध करने पर सब्जी विक्रेता भड़क उठा और उसने अपने दोनों बेटों को मौके पर बुला लिया। तीनों ने मिलकर रवि पर लाठी-डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। देखते ही देखते पूरा मामला खूनी संघर्ष में बदल गया। ग्रामीणों के हस्तक्षेप तक रवि गंभीर रूप से घायल हो चुका था। उसे आनन-फानन में नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान अगले दिन यानी शनिवार को उसकी मौत हो गई।

परिजनों का दर्द और पुलिस को दी तहरीर

मृतक रवि कुमार के पिता ने पुलिस को दी गई तहरीर में पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनका बेटा रोज गांव के गेट पर मटर-कुलचे की रेहड़ी लगाता था। वहीं पर आरोपी सब्जी विक्रेता की दुकान भी लगती थी। पैसे मांगने पर आरोपी ने गुस्से में आकर अपने बेटों को बुलाया और फिर लाठियों से बेटे की जान ले ली। पिता का कहना है कि इतनी छोटी सी रकम के लिए किसी की जान लेना अमानवीय है और इस घटना ने उनके परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में साफ हुआ कि रवि की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई है। हमले के दौरान लाठियों की चोट सीधे सिर पर पड़ी जिससे उसकी खोपड़ी में गंभीर चोटें आईं और यही उसकी मौत का कारण बना। रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने मारपीट के मामले को हत्या की धारा में बदल दिया है।

गांव में तनाव और बढ़ी पुलिस की गश्त

घटना के बाद से कुड़वल बनारस गांव में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों में गुस्सा और भय दोनों का माहौल है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने गांव में गश्त बढ़ा दी है। गांव के प्रवेश और निकासी मार्गों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

आरोपियों की तलाश तेज

देहात कोतवाली पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी—सब्जी विक्रेता और उसके दो बेटे—घटना के बाद से फरार हैं। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि यदि किसी को आरोपियों के ठिकाने की जानकारी हो तो तुरंत सूचना दें।

गांव वालों की प्रतिक्रिया

गांव में इस वारदात की चर्चा हर गली-मोहल्ले में हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि 30 रुपये जैसी मामूली रकम पर इस तरह का खून-खराबा मानवता को शर्मसार करता है। लोग हैरान हैं कि पैसे के इतने छोटे विवाद पर किसी की जान ले ली गई। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि समाज में आपसी विवादों को सुलझाने की परंपरा रही है, लेकिन अब छोटी-छोटी बातों पर हिंसा आम हो गई है।

कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि जब गांव में आपसी विवाद बढ़ा तो किसी ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी। यदि समय रहते पुलिस को जानकारी मिलती तो शायद एक गरीब रेहड़ीवाले की जान बच सकती थी। साथ ही यह भी चर्चा का विषय है कि गांव के लोग हिंसा का हिस्सा क्यों बनते जा रहे हैं और क्यों विवादों को बातचीत से सुलझाने की परंपरा खत्म हो रही है।

रवि का परिवार और भविष्य की लड़ाई

रवि की मौत ने उसके परिवार को आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तर पर गहरा आघात दिया है। वह परिवार का कमाने वाला अकेला व्यक्ति था। अब परिवार के सामने जीविका चलाने का संकट खड़ा हो गया है। परिजनों का कहना है कि वे न केवल इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे बल्कि सरकार से आर्थिक मदद की भी मांग करेंगे।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद घटना के पीछे की पूरी साजिश और मानसिकता का खुलासा किया जाएगा। साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

यह घटना केवल एक हत्या की कहानी नहीं है बल्कि समाज के उस क्रूर चेहरे को भी उजागर करती है जहां इंसान की जान की कीमत 30 रुपये से भी कम आंकी जाती है। बुलंदशहर की यह वारदात एक चेतावनी है कि छोटे-छोटे विवादों को नफरत और हिंसा में बदलने से रोकना जरूरी है, वरना आने वाली पीढ़ियों के लिए इंसानियत का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।

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