श्रीखंड महादेव यात्रा आज से शुरू, बिना हेल्थ चेकअप नहीं मिलेगी अनुमति, हर दिन सिर्फ 800 श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश
श्रीखंड महादेव यात्रा 2025 आज से शुरू, सिंहगाड़ बेस कैंप से पहले जत्थे को हरी झंडी
हिमाचल प्रदेश की खतरनाक और दिव्य धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा 2025 आज 10 जुलाई से विधिवत शुरू हो गई है। कुल्लू जिले के सिंहगाड़ बेस कैंप में बुधवार रात आरती के बाद पहले जत्थे को गुरुवार सुबह हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस साल की यात्रा 25 जुलाई तक चलेगी और हर दिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही श्रीखंड महादेव की कठिन चढ़ाई के लिए अनुमति दी जाएगी। इस बार प्रशासन ने हेल्थ चेकअप को अनिवार्य कर दिया है और बिना जांच कोई भी श्रद्धालु यात्रा पर नहीं जा सकेगा।
32 KM की कठिन पैदल चढ़ाई, पांच बेस कैंप, 18570 फीट की ऊंचाई
इस पवित्र यात्रा में श्रद्धालुओं को करीब 32 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जिसके बाद 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दिव्य दर्शन होते हैं। यात्रा मार्ग को पांच सेक्टरों में बांटा गया है, जहां कुल 5 बेस कैंप—सिंहगाड़, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी और पार्वती बाग—तैयार किए गए हैं। हर बेस कैंप पर मेडिकल सुविधा, रेस्क्यू टीम और अन्य जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
स्वास्थ्य जांच अनिवार्य, बिना जांच नहीं मिलेगी परमिशन
सिंहगाड़ बेस कैंप पर सभी श्रद्धालुओं का मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। यात्रा से पहले हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल की जांच अनिवार्य की गई है। यदि कोई श्रद्धालु मेडिकल टेस्ट में फिट नहीं पाया गया तो उसे यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह के मुताबिक, पहले जत्थे में करीब 200 श्रद्धालु रवाना हुए और अब तक 5200 से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
हर दिन सिर्फ 800 को मिलेगी यात्रा की अनुमति, सुबह 5 बजे होगा प्रस्थान
प्रशासन के अनुसार, हर दिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही श्रीखंड यात्रा की अनुमति मिलेगी। बेस कैंप से पहले स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यात्रियों को उनके जत्थों में शामिल किया जाएगा। यात्रा का पहला जत्था सुबह 5 बजे सिंहगाड़ बेस कैंप से रवाना हुआ। हर जत्थे में 150 से 200 श्रद्धालु शामिल होंगे और रजिस्ट्रेशन के आधार पर आगे भेजा जाएगा।
सुरक्षा और सुविधा के लिए पुलिस व रेस्क्यू टीम की तैनाती
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस जवानों, होमगार्ड, मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमों की तैनाती यात्रा मार्ग के हर महत्वपूर्ण बिंदु पर की गई है। खराब मौसम, फिसलन और ऑक्सीजन की कमी जैसे जोखिमों से निपटने के लिए विशेष तैयारी की गई है। साथ ही मोबाइल टॉयलेट, पेयजल, और स्वच्छता के लिए हर बेस कैंप पर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
यात्रा में ये जरूरी सामान जरूर रखें श्रद्धालु
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वह अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही यात्रा में भाग लें और बिना मेडिकल फिटनेस के आगे न बढ़ें। इसके अलावा यात्रा के दौरान निम्न सामान अपने साथ रखना बेहद जरूरी बताया गया है:
- रजिस्ट्रेशन स्लिप और पहचान पत्र
- ग्लूकोज और जरूरी दवाइयां
- छाता या रेनकोट
- गर्म कपड़े और वाटरप्रूफ जैकेट
- मजबूत ट्रैकिंग शूज़
- टॉर्च और एक्स्ट्रा बैटरी
- ड्राई फ्रूट्स और हाई कैलोरी स्नैक्स
अकेले यात्रा से बचें, ग्रुप में ही करें चढ़ाई
प्रशासन ने श्रद्धालुओं को अकेले यात्रा करने से मना किया है। किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में साथियों का होना जरूरी होता है। इसीलिए सभी से अपील की गई है कि वह कम से कम दो से तीन लोगों के ग्रुप में ही यात्रा पर निकलें। यदि यात्रा के दौरान सांस फूलने, चक्कर आने या कमजोरी महसूस हो तो तुरंत बेस कैंप में मौजूद मेडिकल टीम से संपर्क करें।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, बिना रजिस्ट्रेशन नहीं मिलेगा प्रवेश
इस साल की यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। रजिस्ट्रेशन के बाद श्रद्धालुओं को एक यूनीक कोड और स्लिप दी जाती है, जिसे यात्रा के दौरान हर बेस कैंप पर दिखाना अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन कोई भी श्रद्धालु श्रीखंड महादेव यात्रा में शामिल नहीं हो सकता।
श्रीखंड यात्रा में क्यों जरूरी है प्रशासन की सख्ती?
श्रीखंड महादेव यात्रा को भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक माना जाता है। यहां ऑक्सीजन की कमी, ठंड, बारिश और पहाड़ी भूस्खलन जैसी कई चुनौतियां मौजूद रहती हैं। पिछले वर्षों में दुर्घटनाओं और श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने की घटनाओं के बाद प्रशासन ने अब हर पहलू पर सख्त निगरानी और मेडिकल जांच को अनिवार्य कर दिया है। श्रद्धालुओं की जान की हिफाजत प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।
यदि आप भी इस साल श्रीखंड महादेव यात्रा 2025 का हिस्सा बनने जा रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य जांच और सावधानियों को गंभीरता से लें। यात्रा भक्ति का प्रतीक है लेकिन आपकी सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे पहले है।


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