देहरादून में 78 साल के बुजुर्ग के पेट से निकला 200 ग्राम का रहस्यमयी गोला, डॉक्टर बोले- न पथरी न ट्यूमर, फिर क्या है ये?
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देहरादून में डॉक्टरों ने बुजुर्ग के पेट से निकाला अजीबोगरीब गोला, हैरान रह गए सर्जन
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक हैरान करने वाली मेडिकल रिपोर्ट सामने आई है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों ने 78 वर्षीय बुजुर्ग रामराज के पेट से एक ऐसा गोला निकाला है जो न तो पथरी था, न ही कोई सामान्य ट्यूमर। यह घटना मेडिकल साइंस के लिए भी किसी रहस्य से कम नहीं है।
रामराज, जो कि जाने-माने ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. शशिभूषण प्रसाद के पिता हैं, लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थे। जब डॉक्टरों ने उनका अल्ट्रासाउंड और फिर सीटी स्कैन किया तो मूत्राशय और बड़ी आंत के बीच एक अजीबोगरीब अंडे जैसी आकृति दिखाई दी। इस आकृति का आकार करीब 8 सेंटीमीटर था और वजन लगभग 200 ग्राम था।
जाइंट पेरिटोनियल माउस: दुनिया की सबसे दुर्लभ मेडिकल कंडीशन में से एक
इस अजीबोगरीब गोले की सर्जरी दून अस्पताल के सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभय कुमार की देखरेख में की गई। डॉक्टरों की टीम ने जब इसे निकाला तो पाया कि यह 'Giant Peritoneal Mouse' नामक एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति थी। मेडिकल भाषा में इसे जाइंट पेरिटोनियल माउस कहा जाता है। दुनिया में ऐसे बहुत ही कम मामले दर्ज हैं।
डॉ. अभय कुमार ने बताया कि इस सर्जरी में डॉक्टर्स ने दूरबीन विधि यानी Laparoscopic Surgery का सहारा लिया। ऑपरेशन के दौरान पित्त की थैली की पथरी और अन्य जटिलताओं का भी इलाज किया गया। सर्जरी में डॉ. दिव्यांशु, डॉ. कंचन, डॉ. हिमांशु, डॉ. अमन, डॉ. आकांक्षा नेगी, डॉ. आकांक्षा बहुगुणा और डॉ. अरुण की टीम शामिल रही।
रामराज को सांस की तकलीफ और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी थीं। एक महीने की मेडिकल तैयारी के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया। अब बुजुर्ग की हालत स्थिर है और वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।
जोधपुर में भी मिला था दुर्लभ ट्यूमर, महिला के पेट से निकली 7 सेंटीमीटर की गांठ
इससे पहले जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भी एक ऐसा ही दुर्लभ मामला सामने आया था। यहां 39 साल की महिला के पेट से एक बेहद दुर्लभ ट्यूमर निकाला गया। इस बीमारी को 'Presacral Schwannoma' कहा जाता है, जो पूरी दुनिया में 50 लाख में से किसी एक व्यक्ति को ही होती है।
महिला पिछले एक साल से पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पेट भारी होने की शिकायत कर रही थी। भूख भी कम लगने लगी थी। जब डॉक्टरों ने सीटी स्कैन और अन्य जांचें कीं तो पाया कि उसके पेट में 7x7x4 सेंटीमीटर की एक गांठ थी।
डॉक्टरों के मुताबिक, यह बीमारी कई सालों तक बिना किसी लक्षण के बढ़ती रहती है। जब तक गांठ का आकार बड़ा नहीं हो जाता, मरीज को इसकी भनक तक नहीं लगती। एमडीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर इस ट्यूमर को बाहर निकाला। महिला अब पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुकी है।
भारत में लगातार मिल रहे हैं मेडिकल साइंस के चौंकाने वाले मामले
देश के अलग-अलग हिस्सों में इन दिनों ऐसे मेडिकल मामले सामने आ रहे हैं जो डॉक्टरों को भी हैरान कर रहे हैं। देहरादून और जोधपुर की ये दोनों घटनाएं दिखाती हैं कि मेडिकल साइंस भले ही बहुत आगे बढ़ चुका हो, लेकिन मानव शरीर के भीतर क्या-क्या छिपा हो सकता है, इसका अंदाजा लगाना अब भी मुश्किल है।
जाइंट पेरिटोनियल माउस और प्रिसैक्रल श्वान्नोमा जैसी दुर्लभ बीमारियां आमतौर पर मेडिकल किताबों में ही पढ़ी जाती हैं, लेकिन अब इनके केस भारत में भी सामने आने लगे हैं। इन घटनाओं से डॉक्टरों को भी नई सीख मिल रही है और मरीजों के लिए भी सतर्कता जरूरी है।
ध्यान रखें: पेट दर्द, भारीपन या असामान्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय रहते जांच कराना जरूरी है ताकि बीमारी को बढ़ने से पहले पकड़ा जा सके।


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