बरेली में खेत की पैमाइश के दौरान किसान की मौत: बेटी रोती हुई इंस्पेक्टर के पैर पर सिर रख कर बोली- 'पापा को मेरी आंखों के सामने मार डाला', लगाई इंसाफ की गुहार



बरेली में खेत की पैमाइश के दौरान किसान की संदिग्ध मौत, बेटी ने इंस्पेक्टर से रोते हुए मांगा इंसाफ, गांव में तनाव और भारी पुलिस बल तैनात


खेत की नापजोख के बीच किसान की रहस्यमयी मौत

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर थाना क्षेत्र के बंजरिया गांव में गुरुवार को एक किसान की खेत की पैमाइश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान 40 वर्षीय पप्पू के रूप में हुई है, जो अपने खेत के पास ही परिवार के साथ रहते थे। घटना के समय राजस्व विभाग की टीम पुलिस बल के साथ चकमार्ग (गांव के रास्ते) की नापजोख कर रही थी। यह चकमार्ग पप्पू के खेत से होकर गुजरता है, जहां उसकी धान की फसल खड़ी थी।

फसल के बीच रास्ता निकालने पर हुआ विरोध

परिजनों का आरोप है कि कुछ ग्रामीणों के दबाव में आकर राजस्व टीम ने नियमों की अनदेखी करते हुए पूरा रास्ता पप्पू की जमीन से निकाल दिया। जब पप्पू ने इसका विरोध किया, तो मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। गवाहों के अनुसार विवाद के बीच ही पप्पू अचानक गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। घटना के बाद राजस्व विभाग की टीम मौके से चली गई, जबकि परिजनों ने शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में रखकर थाने लाकर प्रदर्शन किया।

हत्या का आरोप, प्रधान और राजस्व टीम पर मिलीभगत का शक

मृतक के परिजनों ने गांव के कुछ लोगों पर साजिशन हत्या का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि पप्पू को पहले धमकाया गया और फिर विरोध करने पर मारपीट की गई। आरोप यह भी है कि गांव के प्रधान और राजस्व टीम की आपसी सांठगांठ से यह रास्ता किसान की जमीन से निकाला गया, जो पूरी तरह अवैध था। परिजन इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

थाने में इंस्पेक्टर के पैरों पर सिर रख बेटी की गुहार

घटना के बाद सबसे हृदयविदारक दृश्य तब सामने आया जब मृतक की इकलौती बेटी रूबी थाने पहुंची और इंस्पेक्टर क्राइम रविंद्र नैन के पैरों पर सिर रखकर रोने लगी। रूबी ने कहा, "मेरे सामने पापा को मार डाला, मुझे इंसाफ चाहिए।" यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया। रूबी की गुहार ने प्रशासन और पुलिस पर न्याय दिलाने का दबाव और बढ़ा दिया है।

गांव में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात

घटना के बाद बंजरिया गांव में तनावपूर्ण माहौल है। एहतियात के तौर पर फरीदपुर पुलिस ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस चौकसी बरत रही है। गांव के लोग खुलकर प्रशासन के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

पोस्टमार्टम से खुलेगा राज?

फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फरीदपुर थाने के अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

आम आदमी की जमीन, सरकारी प्रक्रिया का शिकार?

इस घटना ने एक बार फिर इस सवाल को जन्म दे दिया है कि क्या सरकारी कार्यों के नाम पर आम नागरिक की जमीन जबरन ली जा सकती है? और यदि कोई विरोध करता है तो क्या उसे अपनी जान गंवानी पड़ेगी? किसान पप्पू की मौत ने प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।

पप्पू को इंसाफ दिलाने की मांग पूरे गांव की आवाज

पप्पू की मौत अब सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे गांव का आक्रोश बन गई है। लोग खुलकर सामने आ रहे हैं और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। किसान के समर्थन में आसपास के गांवों से भी लोग एकजुट हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन इस घटना में निष्पक्ष जांच नहीं करता, तो वे धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।

प्रशासन की साख दांव पर

अब पूरा मामला प्रशासन की साख से जुड़ गया है। जनता देख रही है कि क्या प्रशासन किसान के परिवार को न्याय दिला पाएगा या यह मामला भी कागज़ों में दब जाएगा। राजस्व विभाग, पुलिस और ग्राम प्रधान की भूमिका की गहराई से जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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