दो महिलाओं की 9 घंटे तक 'डिजिटल गिरफ्तारी', निर्वस्त्र कराया और लूटे ₹58 हजार – कॉलर बना CBI अफसर

सांकेतिक इमेज


बेंगलुरु में दो महिलाओं को वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट कर निर्वस्त्र कराया, शारीरिक जांच के नाम पर 58 हजार की ठगी


कॉल आया, धमकी मिली, और फिर शुरू हुआ 9 घंटे का डिजिटल शोषण

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला साइबर क्राइम सामने आया है। दो महिला मित्रों को वीडियो कॉल के ज़रिए 'डिजिटल गिरफ्तारी' की धमकी देकर साइबर ठगों ने न सिर्फ मानसिक प्रताड़ना दी बल्कि उन्हें निर्वस्त्र कर उनका वीडियो बनाया और फिर उनसे ₹58,477 रुपये भी ऐंठ लिए। इस घिनौने अपराध को अंजाम देने वाले ने खुद को CBI अधिकारी बताया और फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।

थाईलैंड से आई शिक्षिका, बचपन की दोस्त के साथ फंस गई जाल में

इस पूरी वारदात की शुरुआत तब हुई जब थाईलैंड में शिक्षिका के रूप में कार्यरत एक महिला अपने बचपन की दोस्त से मिलने बेंगलुरु आई थी। 17 जुलाई को सुबह करीब 11 बजे उस महिला को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन से बताकर बात शुरू की और फिर दावा किया कि महिला का नाम एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग, तस्करी और हत्या के केस में शामिल है।

डेबिट कार्ड की जानकारी और फर्जी दस्तावेज से डर पैदा किया

साइबर अपराधी ने महिला का डेबिट कार्ड नंबर सही-सही बताया जिससे वह और उसकी दोस्त डर गईं। फिर उसने उन्हें एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजा और धमकी दी कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने डर के मारे साइबर ठग के बताए गए अकाउंट में ₹58,477 रुपये ट्रांसफर कर दिए।

वीडियो कॉल पर 'शारीरिक जांच' के नाम पर निर्वस्त्र कराया

पैसे भेजने के बावजूद आरोपी नहीं रुका। उसने कहा कि इस केस को बंद कराने के लिए "शारीरिक जांच" जरूरी है। इस बहाने उसने वीडियो कॉल पर दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर अपने शरीर के "निशान" दिखाने को कहा। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें धमकाकर ऐसा करने को मजबूर किया गया और पूरी प्रक्रिया करीब 9 घंटे तक चली।

जब हदें पार हुईं, तब दर्ज कराई शिकायत

साइबर शोषण से परेशान होकर आखिरकार महिलाओं ने हिम्मत जुटाकर बेंगलुरु ईस्ट डिवीजन सेन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में साफ लिखा गया कि उन्हें डराकर, धमकाकर, और फर्जी सरकारी दस्तावेजों के सहारे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने IPC और IT Act की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच में जुटी टीम

बेंगलुरु पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने इस गंभीर मामले को प्राथमिकता पर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि कॉल रिकॉर्ड्स, बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स और वीडियो कॉल के डिजिटल ट्रेस की जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो सकता है जो खासतौर पर विदेश से लौटे लोगों को निशाना बना रहा है।

ठग बना ‘सीबीआई ऑफिसर’, शिकार बनीं निर्दोष महिलाएं

इस पूरे मामले में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि आरोपी ने खुद को 'CBI Officer' और 'Jet Airways मनी लॉन्ड्रिंग केस' से जुड़ा बताया। इससे पीड़ित महिलाओं को यह यकीन हो गया कि वह कोई सरकारी अधिकारी ही है। उसने पूरी कहानी को इस तरह बुना कि दोनों महिलाएं उसकी बातों में पूरी तरह फंस गईं।

डिजिटल युग में नया अपराध: 'डिजिटल अरेस्ट' की खतरनाक साजिश

यह मामला यह दर्शाता है कि अब साइबर अपराधी नए और चौंकाने वाले तरीकों से लोगों को फंसा रहे हैं। 'डिजिटल अरेस्ट' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके वे आम लोगों को झांसे में ले रहे हैं और उनकी निजता और सुरक्षा दोनों पर हमला कर रहे हैं। वीडियो कॉल के ज़रिए ब्लैकमेलिंग अब तेजी से फैलता हुआ एक अपराध बन चुका है।

पुलिस की सलाह: ऐसे कॉल्स से रहें सतर्क

बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले के बाद नागरिकों से अपील की है कि कोई भी कॉल अगर किसी सरकारी एजेंसी का दावा करते हुए वीडियो कॉल करने को कहे या बैंक डिटेल्स मांगे तो सतर्क रहें। CBI या पुलिस कभी भी वीडियो कॉल पर शारीरिक जांच या निर्वस्त्र होने की मांग नहीं करती। ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी साइबर सेल में शिकायत करें।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल

इस घटना ने न सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि तकनीक का दुरुपयोग किस हद तक जा सकता है। 'वीडियो कॉल' के ज़रिए महिलाओं को धमकाकर निर्वस्त्र करवाना सिर्फ साइबर क्राइम नहीं बल्कि लैंगिक शोषण की श्रेणी में आता है।

साइबर अपराध की नई लहर और सतर्कता की जरूरत

साइबर ठगी अब सिर्फ OTP तक सीमित नहीं रही। अब ठग वीडियो कॉल, सरकारी अधिकारी की नकल, फर्जी दस्तावेज और मानसिक दवाब के जरिए आम लोगों को फंसा रहे हैं। बेंगलुरु की यह घटना इस बढ़ते खतरे का स्पष्ट उदाहरण है। सरकार और पुलिस को इस दिशा में तेज़ी से कार्रवाई करनी होगी ताकि किसी और को इस तरह अपमानित और लूटा न जाए।

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