BJP विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने विद्युत विभाग के अफसरों पर फोन न उठाने का आरोप लगाते हुए प्रमुख सचिव को भेजा शिकायती पत्र।
बुलंदशहर से बीजेपी विधायक का दर्द, बोले- 'फोन नहीं उठाते अधिकारी', प्रमुख सचिव से की शिकायत
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद से बीजेपी विधायक ठाकुर लक्ष्मीराज सिंह का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। उन्होंने अपने क्षेत्र में बिजली की बेहद खराब व्यवस्था और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनका आरोप है कि बिजली विभाग के अफसर तो जनता की सुनते नहीं, अब तो विधायक की भी कॉल रिसीव नहीं करते।
सिकंदराबाद के कई क्षेत्रों में 15 दिनों से बिजली नदारद है। ट्यूबवेल नहीं चल रहे, फसलें सूख रही हैं और किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस सबके बीच विधायक ने सीधे प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र भेजकर मामले में तत्काल एक्शन की मांग की है।
"जनता तो चीख रही है, लेकिन अफसर खामोश हैं" – बोले विधायक
बीजेपी विधायक ने साफ तौर पर कहा कि अवर अभियंता, सहायक अभियंता और बिजली विभाग के अन्य अधिकारी इतने लापरवाह हैं कि वे फोन उठाने तक की जहमत नहीं उठाते। विधायक ने पत्र में लिखा कि जब आम आदमी को शिकायत करनी होती है तो उसे जवाब नहीं मिलता, अब जब विधायक को ही जवाब नहीं मिल रहा तो बाकी जनता की क्या हालत होगी।
किसानों की दुर्दशा: 15 दिन से ट्यूबवेल ठप, खेत सूखे, फसलें खतरे में
विधायक ने यह भी लिखा कि सिकंदराबाद के गुलावठी नगर और ककोड़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बिजली की हालत बेहद बदतर है। खेतों में ट्यूबवेल 15 दिन से बंद हैं। "खेती तबाह हो रही है, और बिजली विभाग को फर्क ही नहीं पड़ता" – विधायक ने कहा। उन्होंने ये भी बताया कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था इतनी बदहाल है कि किसानों को रात-रात भर जागना पड़ता है, फिर भी सिंचाई नहीं हो पा रही।
फोन नहीं, जवाब नहीं… अफसरों के रवैये से जनता गुस्से में
शिकायती पत्र में विधायक ने लिखा कि जनता में अधिकारियों के प्रति भारी आक्रोश है। जब विभागीय अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाता, तो लोग सीधे विधायक के पास शिकायतें लेकर आते हैं। लेकिन जब विधायक भी बेबस महसूस करने लगे, तो समझा जा सकता है कि यूपी के सरकारी तंत्र की हालत कितनी जर्जर हो चुकी है।
प्रमुख सचिव से सख्त कार्रवाई की मांग
विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने पत्र में मांग की है कि ऐसे लापरवाह और घमंडी अधिकारियों पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और जनता को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, "अगर जनता परेशान रहेगी और प्रशासन सोता रहेगा, तो हमें सड़क पर उतरना पड़ेगा।"
ये पहला मामला नहीं… पहले भी उठ चुकी है अफसरशाही के खिलाफ आवाज़
गौरतलब है कि इससे पहले भी यूपी के लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी अफसरशाही को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी की सोच वाले अधिकारी बीजेपी की छवि खराब करने में लगे हैं। ऐसे अधिकारी काम नहीं करते और पार्टी कार्यकर्ताओं की बात तक नहीं सुनते।
यूपी में बिजली आपूर्ति बनी सियासी सिरदर्द
गर्मियों के सीजन में यूपी के अलग-अलग जिलों से बिजली कटौती की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। सरकार एक ओर 24 घंटे बिजली देने की बात करती है, लेकिन हकीकत ये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग 8 घंटे की भी सप्लाई को तरस रहे हैं।
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