96 घंटे बाद भी नहीं हटा इंजन! अहमदाबाद विमान हादसे की साइट पर अब भी बिखरा पड़ा है मलबा, बोइंग और AAIB टीमें जांच में जुटीं



96 घंटे बाद भी अहमदाबाद विमान हादसे की जगह से मलबा नहीं हटा, इंजन अब भी मेस की छत पर फंसा, बोइंग और AAIB टीम जांच में जुटीं


अहमदाबाद हादसे के 96 घंटे: इंजन अब भी मेस की छत पर फंसा

एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे को 96 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन दुर्घटनास्थल की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है। क्रैश साइट पर विमान के मलबे को हटाने की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। जानकारी के मुताबिक, मेडिकल हॉस्टल को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है, लेकिन मलबा अब भी मेस से लेकर अतुल्यम हॉस्टल तक फैला हुआ है।

बोइंग की अमेरिकी टीम पहुंची अहमदाबाद, हादसे की तह तक जाने की कोशिश

रविवार को बोइंग कंपनी की एक विशेष टीम अमेरिका से अहमदाबाद पहुंची। यह टीम एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के साथ मिलकर हादसे की वजह की जांच कर रही है। प्राथमिकता के तौर पर अब इंजन को मलबे से निकालने पर काम हो रहा है, क्योंकि यह मेस की छत पर फंसा हुआ है और हादसे के बाद इसमें लगभग 12 घंटे तक आग लगी रही थी।

मलबे में दबे हैं कई बड़े पुर्जे, काट-काटकर निकाले जा रहे हैं बाहर

सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया के इस बोइंग विमान का कई हिस्सा इतना बड़ा है कि उसे सीधे नहीं निकाला जा सकता। इसलिए क्रैश साइट पर बड़ी क्रेन और अन्य हैवी मशीनों की मदद से इन हिस्सों को पहले काटकर छोटा किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा। कई पुर्जे अब भी मलबे में दबे हैं, जिन्हें निकाले जाने का प्रयास जारी है।

शनिवार को टेल निकाला गया, अब इंजन की बारी

शनिवार को क्रैश साइट से विमान का पिछला हिस्सा यानी टेल निकाला गया। यह हिस्सा मेस के ठीक पास फंसा था। दो बड़ी क्रेनों की मदद से इसे हटाया गया। वहीं इंजन अब भी वहीं फंसा है, जो हादसे के बाद सबसे अधिक क्षतिग्रस्त हुआ हिस्सा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन की स्थिति से हादसे की असली वजह को समझने में मदद मिल सकती है।

पूरी साइट पर भारी मशीनें तैनात, धीरे-धीरे हटाया जा रहा मलबा

क्रैश साइट पर दिन-रात भारी मशीनों के जरिए मलबा हटाया जा रहा है। 57 मीटर लंबे बोइंग 787 विमान के अवशेष कई हिस्सों में टूटकर अलग-अलग जगह बिखर गए हैं। मेडिकल हॉस्टल से लेकर आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में भी इसका मलबा फैला हुआ है, जिसे हटाना बड़ी चुनौती बन गया है।

AAIB टीम इंजन के हिस्सों का कर रही विश्लेषण

AAIB की विशेष जांच टीम फिलहाल इंजन की स्थिति और उसमें लगी आग के प्रभावों की जांच में जुटी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इंजन क्रैश के दौरान इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ कि उसके कई हिस्से हॉस्टल की दीवारों और छत में धंस गए। इसे निकालने के लिए अभी तक कोई भी सुरक्षित और तेज़ तरीका नहीं मिल पाया है।

हादसे के बाद का सबसे कठिन चरण: अवशेषों का सुरक्षित निस्तारण

मलबा हटाने से भी बड़ी चुनौती है उसके सुरक्षित निस्तारण की। विमान का हर पुर्जा जांच के लिहाज से अहम है और किसी भी हिस्से को बिना निरीक्षण छोड़ा नहीं जा सकता। इसलिए हर स्क्रू, वायरिंग और मेटल शीट को क्रमबद्ध तरीके से इकट्ठा किया जा रहा है।

अब भी एक बड़ा सवाल: क्या इंजन की जांच से सामने आएगा सच?

पूरी जांच की निगाहें इस वक्त विमान के इंजन पर टिकी हैं। हादसे की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, वे साफ दिखाते हैं कि आग सबसे ज्यादा इंजन वाले हिस्से में लगी थी। अब विशेषज्ञ यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि कहीं इंजन फेलियर ही तो इस भीषण विमान हादसे का कारण नहीं था।

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