लखनऊ CBI दफ्तर में रिश्वत के आरोपी ने SI पर धनुष-बाण से हमला किया, तीर सीने में लगा; आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी।
CBI दफ्तर में तीर से हमला! SI के सीने में धंसा बाण, अफसरों में मचा हड़कंप
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रशासन को हिला कर रख दिया है। हजरतगंज स्थित CBI कार्यालय में एक आरोपी ने दरोगा पर हमला कर दिया—वो भी किसी बंदूक या चाकू से नहीं, बल्कि धनुष और तीर से। जी हां, आधुनिक सुरक्षा के बीच इस प्राचीन हथियार से किए गए हमले ने हर किसी को चौंका दिया। घायल SI वीरेंद्र सिंह इस वक्त सिविल अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं।
शिकायत दर्ज कराने के बहाने घुसा आरोपी, फिर निकाला धनुष!
जानकारी के अनुसार आरोपी खुद को एक रिश्वतखोरी मामले का वादी बताकर CBI दफ्तर में दाखिल हुआ। भीतर जाते ही उसने अचानक कमर से धनुष निकाला और SI वीरेंद्र सिंह पर तीर चला दिया। बाण सीधा सीने में जाकर धंसा, जिससे SI लहूलुहान हो गए। अफसरों और पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया।
घायल SI वीरेंद्र की हालत गंभीर, अस्पताल में इलाज जारी
हमले के बाद मौके पर मौजूद अन्य कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए घायल SI को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है। हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं वरिष्ठ अफसरों का अस्पताल आना-जाना लगा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें इस हमले पर टिकी हैं।
CBI में काम करने वाला नहीं था आरोपी, 1993 के रेलवे ट्रैप केस से जुड़ा है कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी की पहचान दिनेश नामक व्यक्ति के रूप में हुई है। वह न तो मौजूदा CBI कर्मी है, न ही हालिया वादी। बल्कि उसका नाम 1993 में दर्ज एक पुराने रेलवे ट्रैप केस से जुड़ा हुआ है। संदेह है कि इस केस के चलते उसे रेलवे से बाहर कर दिया गया था और वो बदले की भावना से ग्रसित था।
इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने क्या कहा?
थाना हजरतगंज के इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक, "आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसकी गहराई से पूछताछ की जा रही है। अब तक की जानकारी के मुताबिक आरोपी पुराने केस के चलते सीबीआई से नाराज था।"
धनुष-बाण जैसे हथियार को कैसे लाया आरोपी? उठ रहे हैं सुरक्षा पर सवाल
इस हमले के बाद CBI कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। इतने हाई-सिक्योरिटी एरिया में कोई शख्स परंपरागत हथियार लेकर कैसे घुस गया? क्या उसे भीतर लाने में कोई सुरक्षा चूक हुई या जानबूझकर नजरअंदाज किया गया?
राजनीतिक बयानबाज़ी और अफसरों का दौरा
घटना के बाद राज्य के कई बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और CBI कर्मियों से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने भी इस हमले को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा व्यवस्था की पुनः समीक्षा के आदेश दिए हैं।
सीबीआई की चुप्पी, लेकिन जांच तेज
CBI ने इस पूरे मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन आंतरिक जांच शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो CBI का कहना है कि आरोपी के पुराने रिकॉर्ड और हमले की मंशा पर फोकस किया जा रहा है।
CBI ऑफिस में पहली बार ऐसा हमला!
इतिहास में शायद ही ऐसा कोई मामला सामने आया हो, जब CBI कार्यालय में इस तरह का हमला हुआ हो—वो भी एक पारंपरिक हथियार से। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था और एजेंसियों की सतर्कता दोनों पर सवालिया निशान लगा रही है।
घायल SI वीरेंद्र की बहादुरी की चर्चा
घायल SI वीरेंद्र सिंह की बहादुरी भी अब चर्चा में है। बताया जा रहा है कि घायल होने के बावजूद उन्होंने अलर्ट जारी किया और हमलावर को पकड़ने में सहयोग किया। उनके इस जज़्बे की हर ओर सराहना हो रही है।
पूरा मामला हजरतगंज थाने में दर्ज, आरोपी हिरासत में
CBI SI वीरेंद्र की तहरीर पर हजरतगंज थाने में आईपीसी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी दिनेश से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है और उसके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
अस्पताल में अफसरों का जमावड़ा, परिजन सदमे में
वहीं सिविल अस्पताल में SI वीरेंद्र के परिजन और साथी पुलिसकर्मी बेहद व्यथित दिखे। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा कि दिनदहाड़े सरकारी दफ्तर में एक अफसर पर तीर चला दिया जाएगा।
फिलहाल क्या हो रहा है?
पुलिस ने CBI कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है। आरोपी को लखनऊ के एक थाने में रखा गया है और उसका मानसिक स्वास्थ्य भी जांचा जा रहा है। आला अधिकारी इसे आतंकी घटना तो नहीं मान रहे, लेकिन साजिश के कोण से भी जांच जारी है।
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