उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद अपनी कैबिनेट के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए वर्तमान प्रयासों, प्राप्त परिणामों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की।
बैठक के दौरान, नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव और कंसल्टिंग एजेंसी डेलॉयट इंडिया ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति और संभावित भविष्य के परिणामों पर सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी। सीएम योगी ने सभी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को ईज ऑफ लिविंग और अधिक रोजगार सृजन की दिशा में विशेष प्रयास करने पर जोर दिया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले सात वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। 2021-22 में प्रदेश की कुल जीडीपी 16.45 लाख करोड़ थी, जो 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ से अधिक हो गई है। राष्ट्रीय आय में उत्तर प्रदेश का 9.2 प्रतिशत का योगदान है और प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर राष्ट्रीय मानकों के अनुसार अच्छी रही है। 2021-22 में प्रचलित भावों पर वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत और स्थायी भाव पर 9.8 प्रतिशत रही। 2023-24 में स्थायी भाव पर 8 प्रतिशत और प्रचलित भाव पर 12.8 प्रतिशत वृद्धि दर रही, जो दर्शाता है कि प्रदेश विकास की सही राह पर है।
उन्होंने आगे कहा कि 2021-22 से 2023-24 के बीच प्रदेश का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) लगभग 15.7 प्रतिशत दर्ज किया गया है। यह स्थिति उत्साहजनक है, और वर्ष 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में हमें अपनी वृद्धि दर को दोगुने से अधिक बढ़ाना होगा।
योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने और बेहतर प्लानिंग पर ध्यान देने के निर्देश दिए। उनका कहना है कि सभी को मिलकर सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करना होगा ताकि उत्तर प्रदेश को एक आर्थिक महाशक्ति बनाया जा सके।
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