घबराहट- तेजी से दिल धड़कने के घरेलु व आयुर्वेदिक उपचार



वास्तव में दिल की धड़कन कोई रोग नहीं है। किन्तु जब दिल तेजी से धड़कने लगता है तो मनुष्य के शरीर में कमजोरी आ जाती है, माथे पर हल्का पसीना उभर आता है तथा पैर लड़खड़ाने लगते हैं।

रोगी को लगता है, जैसे वह गिर जाएगा। दिल धड़कने की क्रिया भय, हानि की आशंका, परीक्षा में असफलता, ट्रेन का अचानक छूटना, किसी प्रिय की मृत्यु आदि घटनाओं को देखने-सुनने के बाद शुरू हो जाती है।

यह एक प्रकार की चिन्ताजन्य घबराहट होती है जिसकी वजह से दिल बड़ी तेजी से धड़कने लगता है। यदि उसी क्षण मनुष्य मन से चिन्ता तथा भय को निकाल दे तो दिल की धड़कन स्वाभाविक हो जाती है। कई बार तेज दौड़-भाग करने, देर तक व्यायाम करने या रक्तचाप की अधिकता आदि के कारण भी दिल तेजी से धड़कने लगता है। यह रोग बुढ़ापे में बहुत जल्दी लग जाता है। इसलिए इस आयु में व्यक्ति कोई सदैव प्रसन्नचित्त रहना चाहिए तथा जाने-अनजाने व्यर्थ की चिन्ताओं से दूर रहना चाहिए।

तेजी से दिल धड़कने के आयूर्वेद उपचार

  • गाय का दूध, किशमिश और बादाम

गाय के दूध में किशमिश तथा बादाम डालकर औटाएं, फिर शक्कर डालकर सहता-सहता घूंट-घूंट पी लें।

  • पिस्ता

पिस्ते की लौज खाने से हृदय की धड़कन ठीक हो जाती है।

  • अंगूर

भोजन के बाद चार चम्मच अंगूर का रस पिएं।

  • गुलाब, धनिया और दूध

गुलाब की पंखुड़ियों को सुखाकर पीस लें, फिर इसमें धनिया का चूर्ण समभाग में मिलाएं। एक चम्मच चूर्ण खाकर ऊपर से आधा लीटर दूध पिएं।

  • अनार

अनार के कोमल कलियों की चटनी बनाकर एक चम्मच की मात्रा में सुबह के समय निहार मुंह खाएं। लगभग एक सप्ताह सेवन करने से दिल की धड़कन सही रास्ते पर आ जाती है।

  • बेल और मक्खन

बेल का गूदा लेकर उसे भून लें, फिर उसमें थोड़ा-सा मक्खन या मलाई मिलाकर सहता-सहता लार सहित गले के नीचे उतारें।

  • सेब, पानी और मिश्री

200 ग्राम सेब को छिलके सहित छोटे-छोटे टुकड़े करके आधा लीटर पानी में डाल दें, फिर इस पानी को आंच पर रखें, जब पानी जलकर एक कप रह जाए तो मिश्री डालकर सेवन करें, यह दिल को मजबूत करता है।

  • आंवला और मिश्री

आंवले के चूर्ण में मिश्री मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में भोजन के बाद खाएं, यह दिल की धड़कन सामान्य करता है, इससे रक्तचाप में भी लाभ होता है क्योंकि दिल की धड़कन तेज होने पर रक्तचाप भी बढ़/घट जाता है।

  • पपीता

पके पपीते का रस एक कप की मात्रा में भोजन के बाद सेवन करें।

  • गाजर

आधा कप गाजर का रस गरम करके प्रतिदिन दोपहर के समय पिएं।

  • सेब और चांदी

सेब का मुरब्बा चांदी का वर्क लगाकर खाएं।

  • कपूर

दिल धड़कने पर जरा-सा कपूर जीभ पर रखकर चूसें।

  • सेब, कालीमिर्च और सेंधा नमक

आधे कप सेब के रस में चार कालीमिर्च का चूर्ण तथा एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें।

  • इलायची और शहद

लाल इलायची के दानों को पीसकर चूर्ण बना लें, इसमें से चौथाई चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर खाएं।

  • टमाटर और पीपल

टमाटर के रस में पीपल के पेड़ के तने की छाल का 4 ग्राम चूर्ण मिलाकर सेवन करें, टमाटर के रस की मात्रा आधा कप होनी चाहिए।

  • पानी और नीबू

पानी में आधा नीबू निचोड़ें तथा उसमें दो चुटकी खाने वाला सोडा डालें, इस नीबू-पानी को पीने से दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है।

  • अजवायन, सेंधा नमक और पानी

आधा चम्मच अजवायन तथा एक चुटकी सेंधा नमक – दोनों को पीसकर गुनगुने पानी के साथ खाएं, यह चूर्ण दिल की तेज धड़कन को सामान्य बना देता है, यह एक बेहतरीन नुस्खा माना जाता है।

  • अदरक, तुलसी और सेंधा नमक

अदरक का रस एक चम्मच, तुलसी के पत्तों का रस चौथाई चम्मच, लहसुन का रस दो बूंद तथा सेंधा नमक एक चुटकी – सबको अच्छी तरह मिलाकर उंगली से चाटें, चाटते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेट में लार अधिक मात्रा में जाए।

  • अनार, कालीमिर्च और सेंधा नमक

कंधारी अनार का रस कालीमिर्च के चूर्ण तथा सेंधा नमक मिलाकर लेने से दिल की धड़कन स्वाभाविक हो जाती है।

  • राई

राई पीसकर छाती पर मलने से भी दिल को काफी आराम मिलता है।

तेजी से दिल धड़कने में क्या खाएं क्या नहीं

सादा तथा सुपाच्य भोजन भूख से कम खाएं। साथ में अधिक चिकने पदार्थ न लें क्योंकि चिकनी चीजें शरीर को बल देने साथ-साथ रक्त को गाढ़ा करती हैं जो दिल धड़कने वाले रोगी के लिए हानिकारक है। मौसमी फल तथा मौसमी हरी सब्जियां अधिक मात्रा में सेवन करें।

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