बीते 24 घंटों में उत्तर प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया। ग्रामीण इलाकों के साथ ही कस्बों-तहसीलों और बुंदेलखंड के इलाकों में भी विद्युत कटौती की गई। ऐसा पांच-छह दिन बाद हुआ जबकि प्रदेश में बिजली की मांग का आंकड़ा 25 हजार मेगावाट पार करने के दौरान भी पावर कारपोरेशन को इस तरह कटौती नहीं करनी पड़ी थी।
प्रदेश में बीते 24 घंटे में शहरी क्षेत्र को छोड़ अन्य इलाकों में एक से डेढ़ घंटे तक बिजली कटौती की गई। ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे के तय शेड्यूल के मुकाबले 16 घंटे 37 मिनट बिजली दी गई। कस्बों और तहसीलों में 21.30 घंटों की जगह 20.30 घंटे विद्युत सप्लाई की गई। इसी तरह बुंदेलखंड के विभिन्न क्षेत्रों में 20 घंटे के शेड्यूल के विपरीत 18 घंटे 36 मिनट तक आपूर्ति करने का दावा कारपोरेशन की रिपोर्ट में किया गया है।
भीषण गर्मी और लू के चलते बिजली की मांग का आंकड़ा 25500 मेगावाट के पार पहुंच रही है। ऐसे में ऊंचाहार और सिंगरौली की इकाइयों में बिजली उत्पादन प्रभावित होने से संकट और बढ़ गया। निजी उत्पादन गृहों में प्रयागराज स्थित पावर प्लांट की एक 660 मेगावाट की इकाई,रोजा की एक 300 मेगावाट की इकाई से भी उत्पादन कम हो रहा है।


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