बर्थरा कांड: पुलिस की एकतरफा कार्यवाही से क्षत्रिय महासभा मुखर

यह चित्र काल्पनिक है।

चंदौली: जिले के बर्थरा कला में दलितों की झोपड़ी जलाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मारपीट के मामले में पुलिस पर एकतरफा कार्यवाही का आरोप लगाते हुए क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ताओं ने कप्तान ऑफिस का घेराव किया। साथ ही एडिशनल एसपी दयाराम सरोज से मिलकर दूसरे पक्ष के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।

इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष युवा जन्मेजय सिंह की अगुवाई में भारी संख्या में क्षत्रिय समाज के लोग एसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि बर्थरा में दलितों का क्षत्रिय समाज के लोगों से चार साल से विवाद चला आ रहा है। दलित बस्ती से सटे क्षत्रियों की जमीन को वो लोग जबरन कब्जा कर रहे थे, जिसकी शिकायत सकलडीहा एसडीएम व पुलिस से कई बार की गई थी। इसके बावजूद मामले का संज्ञान नहीं लिया गया। आरोप लगाया कि बीते दिनों बर्थरा गांव में हुई आगजनी की वारदात खुद दलितों द्वारा सोची-समझी साजिश के तहत की गई, ताकि क्षत्रिय समाज को अनुसूचित जाति एवं जनजाति निवारण अधिनियम के तहत प्रताड़ित किया जा सके।

आरोप है कि दलितों द्वारा क्षत्रियों के साथ मारपीट भी की गई, जिसमें बुजुर्गों को चोटें आई हैं, लेकिन पुलिस एक पक्षीय कार्यवाही कर रही है, जो पूरी तरह से अनुचित है। इससे क्षत्रिय समाज में कानून-व्यवस्था को लेकर असंतोष व्याप्त है। क्षत्रिय समाज ने कहा कि पूर्व में झोपड़ी फूंककर फर्जी मुकदमें में फंसाने की साजिश को अंजाम देने की बातें हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन इस प्रकरण का खुलासा करने पर नाकाम रहा है, जिससे आज क्षत्रिय समाज का उत्पीड़न हो रहा है। साथ ही चेताया कि यदि दो दिन के अंदर मामले में निष्पक्ष जांच व कार्रवाई नहीं हुई तो आगे के आन्दोलन की रणनीति तय की जाएगी।

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