दंगों का दर्दः सबका मिलता है प्यार, मोहल्ला छोड़ने का नहीं है सवाल

पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा की आग में पूरा जिला झुलस रहा था, लेकिन यहां एक जगह ऐसी भी थी, जिसने हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखा।

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